11वीं कक्षा की एडमिशन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए ठोस कदम उठाए सरकार

Taking cognizance of the massive rigging in the class 11th admission process in the city
11वीं कक्षा की एडमिशन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए ठोस कदम उठाए सरकार
11वीं कक्षा की एडमिशन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए ठोस कदम उठाए सरकार

डिजिटल डेस्क,नागपुर। शहर में कक्षा 11वीं की प्रवेश प्रक्रिया में हो रही भारी धांधली पर संज्ञान लेते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने इस मामले में सू-मोटो जनहित याचिका दायर की है। इस मामले में  हुई सुनवाई में राज्य सरकार ने जवाब दायर करने के लिए कोर्ट से समय मांगा। कोर्ट ने जवाब प्रस्तुत करने के लिए तीन सप्ताह का समय तो दिया है, मगर इस बीच 11वीं कक्षा की सेंट्रलाइज एडमिशन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए कदम उठाने का आदेश राज्य सरकार को दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को ऐसी नीति प्रस्तुत करने को कहा है जिससे आगामी सत्र की प्रवेश प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से पूर्ण हो सके।

उल्लेखनीय है कि, शैक्षणिक सत्र 2018-19 की  11वीं कक्षा की ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया में सीटों के आवंटन में अनेक गड़बड़ियां सामने आईं। कई संस्थानों ने कोर्ट की शरण ली, तो कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए यह जनहित याचिका दायर करने का निर्णय लिया। याचिका में ऑनलाइन प्रवेश प्रकिया में आरक्षण के प्रावधानों के उल्लंघन और अन्य अनियमितताओं को उठाया गया है। कोर्ट में दायर इस याचिका में 11वीं कक्षा की प्रवेश प्रक्रिया से जुड़ी विविध अनियमितताओं और कॉलेज-कोचिंग टाई-अप का मुद्दा उठाया गया है। मामले में न्यायालीन मित्र एड. भानुदास कुलकर्णी कामकाज देख रहे हैं। 

ऐसे हो रहा कॉलेज-कोचिंग टाई-अप
अधिकांश हाईस्कूलों और जूनियर कॉलेजों का सीधे कोचिंग सेंटरों से टाई-अप होता है। ये कोचिंग सेंटर अपने विद्यार्थियों को चुनिंदा संस्थानों में प्रवेश लेने के लिए उकसाते हैं, ताकि उन्हें नियमित तौर पर कॉलेज न जाना पड़े। इन विद्यार्थियों को गैर अनुदानित सीटों पर प्रवेश लेना पड़ता है। न तो जूनियर कॉलेजों मंे कक्षाएं लगती हैं, न ही यहां बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर या स्टाफ होता है। कोचिंग और जूनियर कॉलेज की फीस की रकम 3 लाख के पार पहुंच जाती है। पालकों से सुनियोजित तरीके से लूट की जा रही है। इस पूरी प्रक्रिया में लगता है कि, केंद्रीय प्रवेश प्रकिया इन टाई-अप को फायदा पहुंचाने के लिए ही है। याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि, इस प्रवेश प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए शिक्षा विभाग काे संस्थानों के एकेडमिक ऑडिट करने के आदेश दे और प्रक्रिया मंे सुधार लाने के लिए यथायोग्य आदेश जारी करे। 
 

Created On :   2 Oct 2018 11:32 AM IST

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