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न्याय की प्रतीक्षा में सीबीएसई स्कूलों के शिक्षक और कर्मचारी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सीबीएसई स्कूलों में कार्यरत शिक्षक और कर्मचारियों की विविध समस्याओं के निवारण के लिए अलग से सीबीएसई स्कूल प्राधिकारण बनाने की मांग सीबीएसई स्कूल स्टाफ वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से की जा रही है। इस संबंध में अनेक स्तरों पर संपर्क करने के बावजूद राज्य सरकार ने कोई सक्रियता नहीं दिखाई है। ऐसे में अब तक प्राधिकरण की स्थापना नहीं हो सकी है।
हल होंगी समस्याएं, मिलेगा न्याय
सीबीएसई ने प्रदेश सरकार को बीती 12 फरवरी को प्राधिकरण की स्थापना के संबंध में पत्र लिखा था। सीबीएसई स्टाफ संगठनों के अनुसार सीबीएसई स्कूलों में कार्यरत शिक्षक कर्मचारियों के साथ कई प्रकार की समस्याएं होती हैं। उनके वेतन में कटौती, कार्यभार की अधिकता, महिला कर्मचारियों के अधिकारों के हनन, स्टाफ का स्कूल प्रबंधन द्वारा शोषण जैसे कई मुद्दे हैं, जिन पर सुनवाई के लिए एक अलग प्राधिकरण की जरूरत है।
बीते अधिवेशन सत्र में कर्मचारी संगठन ने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की थी, उन्हें जल्द ही प्राधिकरण स्थापना का आश्वासन भी दिया गया था, लेकिन अब तक इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया गया है। शिक्षकों के अनुसार बीते डेढ़ वर्ष में जबसे लॉकडाउन लगा है, उनके वेतन के लाले पड़ गए है। कई महीने तक उन्हें वेतन का इंतजार करना पड़ता है। स्कूल प्रबंधन वेतन में बड़ी कटौती कर लेते हैं, जबकि ऑनलाइन लर्निंग होने के कारण उन्हें नियमित रूप से पूरा कामकाज करना होता है। इसी प्रकार कई बार सेवा शर्तों के उल्लंघन की भी समस्या होती है, जिसका निवारण प्राधिकरण द्वारा ही संभव है।
Created On :   29 April 2021 9:56 AM GMT