शिक्षक ने आदिवासियों को ठगा, नोटबंदी के दौरान लिए रुपये नहीं लौटाए

Teacher cheated tribals did not return the rupees during demonetization
शिक्षक ने आदिवासियों को ठगा, नोटबंदी के दौरान लिए रुपये नहीं लौटाए
शिक्षक ने आदिवासियों को ठगा, नोटबंदी के दौरान लिए रुपये नहीं लौटाए

डिजिटल डेस्क,बालाघाट। बैंक में खाता नही होने के कारण आदिवासियों को एक शिक्षक ने बुरी तरह ठग लिया। आदिवासियों का आरोप है कि  नोटबंदी के दौरान उन्होंने अपने नोट बदलने के लिए शिक्षक को इस विश्वास के साथ दिए थे कि वह रुपये बदलकर उन्हें वापस कर देगा, किंतु शिक्षक ने ऐसा नहीं किया। बैहर क्षेत्र के बिठली पंचायत अंतर्गत दुगलई में निवासरत आदिवासी परिवारों से नोटबंदी के दौरान पुराने नोट बदलने लगभग एक लाख रूपये से ज्यादा की रकम लेने वाले आदिवासी शिक्षा विभाग के स्कूल शिक्षक रायगढ़े द्वारा रुपये वापस नहीं किये जाने और उन्हें लगातार टाले जाने का आरोप लगाते हुए जिला प्रशासन से जांच की मांग की है।

कलेक्टर से की शिकायत
दुगलई ग्राम के अधिकांश आदिवासी परिवार बुधवार को आदिवासी विकास परिषद अध्यक्ष भुवनसिंह कोर्राम के नेतृत्व में कलेक्टर पहुंचे। उन्होंने कलेक्टर से रुपये को वापस लौटाने की मांग करते हुए कहा कि यदि प्रशासन शिक्षक से रुपये आदिवासी परिवारों को वापस नहीं लौटाता है तो इसके खिलाफ आदिवासी विकास परिषद आंदोलन के लिए बाध्य होगा।

बदलने दिये थे, एक लाख 77 हजार 5 सौ रूपये
दुगलई निवासी बुधराम और महिला कमलीबाई की मानें तो नोटबंदी के दौरान उनके पास मजदूरी और जमा रूपये में 5 सौ, हजार के नोट थे। उनका बैंक में खाता नहीं था, इसलिए आदिवासी परिवार में किसी ने 5 हजार, 6 हजार, 4 हजार रुपये देकर प्राथमिक शाला दुगलई में पढ़ाने आने वाले शिक्षक रायगढ़े को बैंक में बदलने दिये थे, जो लगभग एक लाख 77 हजार 5 सौ रुपये है। जिन्हें उसके द्वारा वापस नहीं किया जा रहा है और जब भी उससे रुपये मांगने पहुंचे तो वह बहाने बनाता है, जिससे वह परेशान है। जिसकी शिकायत उन्होंने जिला प्रशासन से कर उससे रुपये लौटाये जाने की मांग की है।

 

Created On :   6 March 2019 7:53 AM GMT

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