गर्मी में स्कूल शुरू रखने के फैसले से शिक्षक और अभिभावक नाराज

Teachers and parents angry with the decision to start school in summer
गर्मी में स्कूल शुरू रखने के फैसले से शिक्षक और अभिभावक नाराज
अमरावती गर्मी में स्कूल शुरू रखने के फैसले से शिक्षक और अभिभावक नाराज

डिजिटल डेस्क, अमरावती। कोरोनाकाल में शालेय अध्यापन का कार्य प्रभावित होने से 30 अप्रैल तक स्कूल पूरे समय तक शुरू रखने का आदेश सरकार ने दिया है। इधर  जिले में गर्मी की तीव्रता दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। बावजूद इसके सुबह 7 से दोपहर 12.30 बजे तक ग्रामीण अंचल के विद्यार्थियों को पैरों में चटके सहते और गर्मी से हलाकान होते हुए ज्ञानार्जन करना पड़ेगा।  इन हालातों की ओर अनदेखी करते हुए अधिकारी केवल आदेशों का पालन करते दिखाई देते हैं। जहां कोरोना काल में विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए शालाएं बंद रखी गई थी। वहीं ऐन ग्रीष्मकाल में चिलचिलाती धूप में बच्चों को बुलाना उनके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

सरकार की इस फैसले से शिक्षकाें व अभिभावकों में नाराजगी व्यक्त की जा रही है। इस फैसले को बदलने की मांग अभिभावक कर रहे हैं। अमरावती जिले में मेलघाट में आदिवासी क्षेत्र है। भीषण गर्मी में अभी से अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। इसलिए शालाएं पूरे समय तक शुरू रखने के निर्णय पर दोबारा सोचने की जरूरत है। चूंकि ग्रामीण अंचल के विद्यार्थियो ं के अभिभावक सुबह से ही काम पर निकल जाते हंै। इसी तरह शहर की स्कूलों में आनेवाले विद्यार्थियों की भी यह अवस्था है। अधिकांश ग्रामीण अंचल में खेतिहर मजदूर तथा किसान परिवार सुबह से ही घर से बाहर निकलने से घर पर खाना नहीं बन पाता। इसलिए कई बार विद्यार्थियों को भूखे पेट ही स्कूल में आना पड़ता है। सुबह 7 से दोपहर तक स्कूल रहने से विद्यार्थियों 2 बजे तक घर पहुंचते हैं। कई विद्यार्थी साइकिल अथवा पैदल स्कूल में आते हैं। दोपहर की भीषण गर्मी में उन्हें अपने घर पसीने से तरबतर होकर पहंुचना पड़ता है। 

Created On :   5 April 2022 3:04 PM IST

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