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विभागीय जांच में लिप्त शिक्षक "आदर्श शिक्षक' पुरस्कार की लिस्ट में

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद ने आदर्श शिक्षकों के नाम की घोषणा की है। आदर्श शिक्षकों की सूची में एक नाम ऐसा है जिसकी विभागीय जांच चल रही है। जिस शिक्षक की विभागीय जांच चल रही है, उसे आदर्श शिक्षक पुरस्कार घोषित किए जाने से शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है।
क्या है मामला
जिला परिषद शिक्षकों की सहकारी पतसंस्था है। इस संस्था के संचालकों ने संस्था की बैठक में उपस्थित रहकर स्कूल में भी उपस्थिति दर्ज कराई। संस्था से बैठक का भत्ता और शिक्षा विभाग से वेतन भी उठाया। एक साथ दो जगह से आर्थिक लाभ उठाने का मामला सामने आने पर बवाल हो गया। शिक्षा विभाग को शिकायत मिलने पर विभागीय जांच शुरू की गई। 45 शिक्षकों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। विभागीय जांच में लिप्त एक शिक्षक को आदर्श शिक्षक पुरस्कार घोषित किया गया है।
पिछले वर्ष एक शिक्षिका से वापस लिया था पुरस्कार
विभागीय जांच में लिप्त शिक्षकों में एक शिक्षिका को पिछले वर्ष आदर्श पुरस्कार घोषित किया गया था। इसे लेकर खूब बवाल हुआ। आखिरकार संबंधित शिक्षिका से पुरस्कार वापस लिया गया था।
ऐसे होता है चयन
आदर्श शिक्षक पुरस्कार के लिए शिक्षकों से पंचायत समिति स्तर पर प्रस्ताव आमंत्रित किए जाते हैं। पंचायत समिति के गट शिक्षणाधिकारी प्रस्ताव की जांच-पड़ताल करने के बाद जिला शिक्षणाधिकारी के पास भेजते हैं। शिक्षणाधिकारी के िरमार्क से प्रस्ताव चयन समिति के सामने रखे जाते हैं। चयन समिति प्राप्त प्रस्तावों का मूल्यांकन कर अंतिम सूची पर मुहर लगाती है।
ऐसी कोई जानकारी नहीं
आदर्श शिक्षकों के चयन समिति में रखे गए प्रस्ताव में ऐसी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। समिति से जानकारी छिपाकर ऐसे किसी शिक्षक का प्रस्ताव रखा गया होगा, तो संबंधितों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
-भारती पाटील, सभापति, शिक्षण समिति
Created On :   5 Sept 2020 4:01 PM IST