पारशिवनी पंचायत समिति में शिक्षकों का पेंशन घोटाला

Teachers pension scam in Parshivani Panchayat Samiti
पारशिवनी पंचायत समिति में शिक्षकों का पेंशन घोटाला
खाते फ्रीज पारशिवनी पंचायत समिति में शिक्षकों का पेंशन घोटाला

डिजिटल डेस्क,  नागपुर। पारशिवनी पंचायत समिति में शिक्षकों का पेंशन घोटाला सामने आया है। मृत शिक्षकों की पेंशन दूसरों के बैंक खाते में जमा किए जाने का प्राथमिक जांच में निष्कर्ष है। जिन खातों में मृतकाें की पेंशन जमा की गई, उन खातों को फ्रीज किया जाएगा। संबंधित बैंक शाखाएं तथा लीड बैंक के मैनेजर को पत्र भेजा गया है।

9 साल से चल रहा घोटाले का सिलसिला : पारशिवनी पंचायत समिति के शिक्षा विभाग में कनिष्ठ लिपिक सरिता नेवारे साल 2012 से पेंशन का टेबल संभाल रही थी। मार्च 2021 से ड्यूटी पर नहीं आ रही हैं। 9 साल से पेंशन घाटाले का सिलसिला जारी बताया जाता है। सेवानिवृत्त शिक्षक की मृत्यु के बाद उसके कानूनी वारिस को पंेंशन दी जाती है। उस समय अपने रिश्तेदार या करीबी का बैंक खाता नंबर रजिस्टर्ड करने तथा मृत पेंशन का लाइफ सर्टिफिकेट जोड़कर पेंशनर की मृत्यु के बाद भी पेंशन की रकम खाते में डाल कर सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाने का आरोप है।

कब्जे में दस्तावेज : पेंशन घोटाले का राज उजागर होने पर मुख्य सूत्रधार महिला कर्मचारी को निलंबित किया गया है। प्रकरण की गहन जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी गठित की गई, जिसमें लेखा विभाग, शिक्षण विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का समावेश है। कमेटी ने घोटाले से संबंधित सभी दस्तावेज कब्जे में लिए हैं। सप्ताह भर में जांच पूरी कर रिपोर्ट पेश करने का कमेटी को समय दिया गया है।

ऐसे हुआ राज उजागर : साल भर से महिला कर्मचारी ड्यूटी से गायब रहने पर दूसरे कर्मचारी को पेंशन टेबल की जिम्मेदारी दी गई। मार्च 2022 में पंचायत समिति स्तर पर सभी सेवानिवृत्तों के लाइफ सर्टिफिकेट की जांच-परख की गई। 30 से ज्यादा पेंशनर्स ने लाइफ सर्टिफिकेट जमा नहीं किए थे। संबंधितों से सर्टिफिकेट मंगवाए गए। उनमें से 18 से 20 पेंशन के सर्टिफिकेट जमा नहीं होने पर संदेह हुआ। गहराई में जाने पर पेंशनर की मृत्यु होने के बाद दूसरे व्यक्ति के बैंक खाते में रकम जमा होने का राज उजागर हुआ।

बैंकों को भेजे खाते फ्रीज करने के पत्र : पेंशन की रकम दूसरों के खाते में जमा करने का प्राथमिक जांच में सामने आया है। जिन खातों में रकम जमा कि गई, उसे फ्रीज करने के संबंधित बैंकों के पत्र भेजे गए हैं। लीड बैंक मैनेजर को भी पत्र दिया गया है। -योगेश कुंभेजकर, सीईओ, जिला परिषद

Created On :   6 Nov 2022 6:04 PM IST

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