शिक्षक भर्ती में मनमानी की खुली पोल शिक्षक आयुक्त ने वेतन अदा करने पर लगाई रोक

Teachers posts were approved by ignoring the number of students without watching the Udayas
शिक्षक भर्ती में मनमानी की खुली पोल शिक्षक आयुक्त ने वेतन अदा करने पर लगाई रोक
शिक्षक भर्ती में मनमानी की खुली पोल शिक्षक आयुक्त ने वेतन अदा करने पर लगाई रोक

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यूडायस देखे बिना विद्यार्थी संख्या को नजरअंदाज कर शिक्षकों के पदों को मंजूरी दे दी गई और अब उनका बकाया वेतन निकालने की कवायद भी चल रही है। सूचना अधिकार अंतर्गत शिक्षा विभाग में चल रही धांधली की पोल खुलने पर शिक्षण आयुक्त ने शिक्षकों के वेतन पर रोक लगाकर शिक्षण संचालक को जांच के आदेश दिए हैं। 

इस तरह मामला हुआ उजागर
काटोल स्थित महात्मा फुले मागासवर्गीय उच्च प्राथमिक स्कूल में चल रही धांधली की आरटीआई अंतर्गत प्राप्त दस्तावेजों में पोल खुली है। शिक्षकों की नियुक्ति को मंजूरी देने की प्रक्रिया में शिक्षकों के मंजूर पद और विद्यार्थी संख्या को नजरअंदाज किए जाने का खुलासा हुआ है। स्थानीय नागरिकों ने बताया कि काटोल में खोली गई यह स्कूल शैक्षणिक वर्ष 2012-2013 में बंद कर दी गई। स्कूल प्रबंधन ने इसे नागपुर के कलमना परिसर में स्थानांतरित किए जाने का दावा किया था, जबकि तत्कालीन शिक्षण उपसंचालक ने  हाई कोर्ट में दुर्गा नगर, भांडेवाड़ी, पारडी परिसर में स्कूल कार्यान्वित नहीं रहने का शपथ-पत्र दिया था। इसके बावजूद शैक्षणिक सत्र 2013-2014 में 67 विद्यार्थी संख्या के आधार पर 12 शिक्षकों की नियुक्ति की गई। 

शिकायत मिलते ही कार्रवाई
1 मार्च 2014 कसे 5 से 7 कक्षा के लिए 20 प्रतिशत अनुदान मंजूर किया गया। अनुदान मंजूर होने के बाद 8 शिक्षकों की नियुक्ति की गई। शैक्षणिक वर्ष 2010 से उनकी नियुक्ति दिखाई गई। हालांकि शैक्षणिक वर्ष 2015 में शिक्षकों के उपस्थिति रजिस्टर में केवल 2 शिक्षक हैं। स्कूल की विद्यार्थी संख्या और मंजूर पदों को देखे बिना शिक्षकों को मंजूरी देकर उन्हें बकाया वेतन अदा करने की कवायद चल रही है। सरकार को गुमराह कर अनुदान ऐंठने व इसकी बंदरबांट लगाने की चल रही कवायद की भनक लगने पर आरटीअाई कार्यकर्ता विजय गुप्ता ने शिक्षण आयुक्त विशाल सोलंकी से इसकी शिकायत की। शिकायत के आधार पर शिक्षण संचालक सुनील चव्हाण को जांच करने के आदेश देकर जांच पूरी होने तक शिक्षकों का बकाया वेतन अदा करने पर रोक लगा दी है।

शिक्षा विभाग को स्कूल का पता नहीं
काटोल पंचायत समिति से स्कूल का यूडायस नंबर जारी किया गया था। गटशिक्षणाधिकारी से पूछने पर बताया गया कि वर्ष 2012-2013 में स्कूल बंद किया गया है। जिला परिषद के शिक्षा विभाग में स्कूल के अस्तित्व तथा विद्यार्थी संख्या के संबंध में पूछे जाने पर किसी को स्कूल का पता ही नहीं है।
 

Created On :   21 Nov 2018 6:07 AM GMT

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