सवा पांच साल में काट दिए 2 लाख 34 हजार से ज्यादा सागौन पेड़, RTI में हुआ खुलासा

teak trees cut over the 2 lakh 34 thousand in nagpur district maharashtra
सवा पांच साल में काट दिए 2 लाख 34 हजार से ज्यादा सागौन पेड़, RTI में हुआ खुलासा
सवा पांच साल में काट दिए 2 लाख 34 हजार से ज्यादा सागौन पेड़, RTI में हुआ खुलासा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पेड़ कटाई पर पाबंदी होने के बावजूद पिछले सवा पांच साल में नागपुर समेत राज्य में सागौन के 2 लाख 34 हजार 216 पेड गैरकानूनी तरीके से काट दिए गए। इससे वन विभाग काे  25 करोड़ 95 लाख 27 हजार रुपए का नुकसान हुआ है। जंगलों की रक्षा के लिए वन विभाग की भारी भरकम फौज तैनात होने के बावजूद इतने बड़े स्तर पर सागौन पेड़ों की कटाई होने का चौंकाने वाला खुलासा RTI में  हुआ है।

कारण बताकर ही काटे जा सकते हैं पेड़
उल्लेखनीय है कि पर्यावरण की रक्षा के लिए वन जरूरी है आैर इसकी देखभाल व रक्षा के लिए सरकार की तरफ से हरसंभव कदम उठाए जाते हैं। पर्यावरण को हानि न हो, इसलिए सागौन समेत सभी प्रकार के पेड़ों की कटाई पर पाबंदी है। अगर कोई पेड़ काटना जरूरी ही है, तो उसका कारण बताना आवश्यक है आैर वन विभाग की अनुमति के बाद ही वन क्षेत्र का पेड़ काटा जा सकता है। वनों की रक्षा के लिए वन विभाग के जवान तैनात रहते हैं। इस पर वन अधिकारी की निगरानी होती है। राज्य के कुल जंगल का 75 फीसदी हिस्सा नागपुर समेत विदर्भ में है। नागपुर व विदर्भ की पहचान वन क्षेत्र के रूप में है। 

RTI में सामने आई सचाई
RTI में खुलासा हुआ कि 1 जनवरी 2013 से 31 मार्च 2018 (सवा पांच साल) तक सागौन के 2 लाख 34 हजार 216 पेडों की गैरकानूनी तरीके से कटाई हुई आैर इससे विभाग को 25 करोड़ 95 लाख 27 हजार का नुकसान हुआ। इसी तरह इस दौरान कुल 5 लाख 61 हजार 410 पेडों की गैरकानूनी तरीके से कटाई हुई आैर 34 करोड़ 56 लाख 85 हजार का नुकसान विभाग को हुआ। वन क्षेत्र वन विभाग की सुरक्षा में होने के बावजूद इतने बड़े पैमाने पर वनों की कटाई चिंता की बात है। सागौन पेड़ बचाने व सागौन के जंगल ज्यादा से ज्यादा तैयार करने के लिए सरकार जीतोड़ कोशिश करते रहती है। इतने बड़े पैमाने पर गैरकानूनी तरीके से पेड़ों की कटाई होना विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है। पेड़ो को काटने का सिलसिला निरंतर चल रहा है। 
 
सीधे पर्यावरण पर चोट  
जंगलों से पेडों की कटाई होना चिंताजनक है आैर वन विभाग अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकता। सागौन के साथ ही अन्य प्रजाति के पेड़ों की भी हत्या हुई है। वन विभाग नजर रखने व दोषियों को पकड़ने में नाकाफी साबित हो रहा है। सरकार ने जिम्मेदारी तय करना चाहिए। यह सीधे पर्यावरण पर चोट है। पर्यावरण बनाए रखना सभी का कर्तव्य है। विभाग ने लापरवाह अधिकारियों की पहचान कर उन्हें दंडित करना चाहिए। सुरक्षा रक्षकों की भूमिका पर सवाल उठना लाजमी है। 
(अभय कोलारकर, RTI एक्टिविस्ट नागपुर)

Created On :   8 Sep 2018 1:57 PM GMT

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