पालकों के फटकार लगाने पर तीन वर्ष में तीन बार घर से भागी किशोरी

Teenager ran away from home thrice in three years for reprimanding parents
पालकों के फटकार लगाने पर तीन वर्ष में तीन बार घर से भागी किशोरी
अमरावती पालकों के फटकार लगाने पर तीन वर्ष में तीन बार घर से भागी किशोरी

डिजिटल डेस्क, तलेगांव दशासर (अमरावती)।   पिता मेहनत मजदूरी कर परिवार का पालनपोषण करते हैं। आर्थिक स्थिति खराब रहने से 16 वर्षीय बेटी भी शिक्षा से वंचित है। ऐसे में पालकों द्वारा किसी बात को लेकर फटकार लगाने पर अशिक्षित बेटी तीन साल में तीन बार घर छोड़कर भाग गई।  तलेगांव दशासर थाना क्षेत्र के तिवरा ग्राम की 16 वर्षीय किशोरी को आखिरकार पालकों की अनुमति से अब बाल सुधारगृह रवाना कर दिया है। 

जानकारी के मुताबिक तिवरा ग्राम निवासी सुधाकर (काल्पनिक नाम) नामक व्यक्ति को इकलौती बेटी है। वह मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पालनपोषण करता है। आर्थिक स्थिति दयनीय रहने से सुधाकर की वर्तमान में 16 वर्षीय बेटी किसी भी विद्यालय में शिक्षा नहीं ले रही है। लेकिन इस बेटी काे घर में किसी बात को लेकर फटकार लगाने पर वह काफी रोष में आ जाती है। इसके पूर्व पालकों के फटकार लगाने पर वह मुंबई भाग गई थी। लेकिन मुंबई रेलवे पुलिस ने इस किशोरी को अकेली संदिग्ध अवस्था में घूमती देख अपने कब्जे में ले लिया था और परिवार से संपर्क कर जानकारी देकर उसे पालक जब तक लेने मुंबई नहीं पहंुचे तब तक बाल सुधारगृह भेज दिया था।

सुधाकर के वहां पहुंचने पर किशोरी को उनके हवाले कर दिया गया था। पश्चात दूसरे वर्ष फिर से किशोरी पिता के फटकार लगाने पर घर से निकलकर चांदुर रेलवे तहसील के मालखेड़ ग्राम पहुंच गई थी। उस समय भी तलेगांव पुलिस उसे खोजकर वापस घर ले आई थी। लेकिन इस किशोरी में कोई सुधार नहीं हुआ और 17 मई को वह फिर से घर से मामूली बात पर से संतप्त होकर भाग गई। वह ट्रेन में बैठकर वापस मुंबई पहंुच गई। मुंबई पहुंचने के बाद उसे दूसरे शहर में जाना था। इस कारण वह उसे प्लेटफार्म पर जो ट्रेन खड़ी दिखाई दी, उसमें बैठ गई और रात के समय नींद लगने से वह नागपुर शहर पहुंच गई। नागपुर पुलिस ने किशोरी को अकेला देख कब्जे में ले लिया। उससे पूछताछ करने पर वह तिवरा ग्राम की निवासी रहने का पता चला। नागपुर रेलवे पुलिस ने जब तलेगांव दशासर पुलिस से संपर्क कर घटना की जानकारी दी तो तलेगांव पुलिस ने नागपुर पहंुचकर किशोरी को अपने कब्जे में ले लिया और तलेगांव लाने के बाद पिता सुधाकर को बुलाया। तीन वर्ष में तीन बार घर से पलायन करने पर अशिक्षित किशोरी को आखिरकार पालक की अनुमति से अमरावती बाल सुधारगृह पहुंचा दिया गया है। 
 

Created On :   30 May 2022 5:15 PM IST

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