शहर को नियंत्रित करने लग रहे हैं टेंपरेरी सोलर ऑपरेटेड सिग्नल

Temperary solar operated signal seems to be controlling Nagpur
शहर को नियंत्रित करने लग रहे हैं टेंपरेरी सोलर ऑपरेटेड सिग्नल
शहर को नियंत्रित करने लग रहे हैं टेंपरेरी सोलर ऑपरेटेड सिग्नल

नीरज दुबे,नागपुर। शहर में मेट्रो का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। आरंभ में दो रूट पर मेट्रो को दौड़ाने के लिए ट्रिपल डेकर, डबल डेकर, स्टेशन और कवर्ड जंक्शन बनाया जा रहा है। काम को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए लगातार दिन और रात निर्माण कार्य किया जा रहा है। ऐसे में कई जगहों पर नियमित यातायात को बंद कर बाइपास किया गया है। इस काम के चलते वर्धा रोड, सीए रोड, यूनिवर्सिटी लाइब्रेरी, अंबाझरी रोड, कामठी रोड के व्यस्ततम रास्तों पर नागरिकों को परेशानी हो रही है। मेट्रो की अस्थायी सुरक्षा दीवार के चलते रास्ताें के संकरे होने से ट्रैफिक सिग्नलों को भी बंद करना पड़ा है। ऐसे में लगातार ट्रैफिक जाम लगने लगा है। यातायात को सुचारु करने के लिए ट्रैफिक पुलिस को भी खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। इसके चलते अतिरिक्त बोझ और नागरिकों के आक्रोश का भी सामना उन्हें करना पड़ रहा है। इस समस्या को लेकर पुलिस आयुक्त डॉ. वेकटेंशम, यातायात उपायुक्त एस चैतन्य, मनपा आयुक्त अश्विन मुद्गल और मेट्रो के आला अधिकारियों की बैठक दिसंबर माह में हुई थी। बैठक के दौरान वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में अस्थायी सोलर आपरेटेड सिग्नल लगाने का प्रस्ताव मेट्रो प्रशासन ने रखा। सिग्नलों को स्थापित करने के लिए स्थानों का चयन करने का जिम्मा यातायात पुलिस और मनपा को दिया गया है। दोनों विभागों ने अब तक शहर में 10 स्थानों पर सोलर आपरेटेड अस्थायी सिग्नल लगाए हैं। जल्द ही 10 अन्य स्थानों पर भी अस्थायी सिग्नलों को लगाने की योजना है।  

मेट्रो को शीघ्र पटरी पर दौड़ाने की कवायद
मेट्रो रेल प्रशासन शहर में मेट्रो को जल्द से जल्द पटरी पर दौड़ाना चाहता है। इसके लिए जंक्शन, पटरियों और पुलों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। निर्माण कार्य के चलते कई स्थानों पर ट्रैफिक सिग्नलों को हटा दिया गया, जिससे यातायात प्रभावित हुआ और नागरिकों को परेशानी होने लगी। इस समस्या को देखते हुए यातायात पुलिस एवं मनपा के विद्युत विभाग ने वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश मेट्रो प्रशासन काे दिए। इसके बाद मेट्रो प्रशासन ने विकल्प के तौर पर अस्थायी सोलर चार्जिंग सिग्नलों को 10 स्थानों पर लगा दिया है। लेकिन इन सिग्नलों को लगाने के दौरान लापरवाही बरती गई है। इनकी सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। इन सिग्नलों को फाइबर की दीवार से घेरा गया है और फ्लाइऐश से निर्मित ईंट के टुकड़ों पर रखा गया है। अकसर बंद रहने वाले सिग्नल राहगीरों और वाहनचालकों के लिए खतरे का सबब बन चुके हैं। वाहनों की हल्की सी टक्कर से भी ये सिग्नल लुढ़क सकते हैं। यही नहीं इन सिग्नलों की ऊंचाई केवल 6 फीट होने और हवा तेज झोंकों से इनके गिरने का खतरा है। इससे लोग भी घायल हो सकते हैं। 
 

Created On :   12 March 2018 2:39 PM IST

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