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लॉकअप में हुई थी हत्या : SC ने महाराष्ट्र पुलिस के 10 कर्मियों को सुनाई 7 साल की सजा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस के 10 कर्मियों को हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए 7 साल जेल की सजा सुनाई है। 1993 में नागपुर पुलिस की हिरासत में हुई एक व्यक्ति की मौत के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच के उस फैसले को और कड़ा कर दिया, जिसमें आरोपी पुलिस वालों को तीन साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
जानकारी के अनुसार मामला 23 जून 1993 का है। जब नागपुर के इंडिया सन होटल में हुई एक लूट की वारदात के सिलसिले में आरोपी पुलिस कर्मियों ने मृतक को शक के आधार पर उसे रात 1 बजे घर से उठा लिया था। हत्या के गुनहगार पुलिस निरीक्षक नरुले, सहायक निरीक्षक यशवंत कराडे, उप निरीक्षक रामभाऊ काडू, कॉनस्टेबल जरीउद्दीन देशमुख सहित 10 पुलिस वालों ने रातभर उसकी पिटाई की। मृतक को पहले बिजली के खंबे से बांधकर लाठियों से पिटा गया था। इसके बाद उसे रानी कोठी हिल टॉप रेस्टोरेंट ले जाया गया, जहां भी उसकी पिटाई का सिलसिला चलता रहा। जिसके बाद सुबह तडके उसे थाने ले जाकर लॉक अप में बंद कर दिया गया। सुबह लगभग 7.30 बजे पता चला कि उसकी पिटाई के कारण मौत हो गई। पुलिस वालों ने मृतक की पत्नी जरीना को भी प्रताड़ित किया।
मामले की मजिस्ट्रेट द्वारा आपराधिक जांच की गई। राज्य सरकार द्वारा इसकी सीआईडी की जांच भी कराई गई। जांच में पाया गया कि मृतक के खिलाफ कोई मामला ही दर्ज नही था। इसके अलावा गुनहगार पुलिस वालों ने बचने के लिए मृतक के परिजनों के खिलाफ भी झूठे मुकदमे दर्ज किए। सेशन कोर्ट ने इन गुनहगारों को बरी कर दिया था। जिसके बाद हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में सुनवाई हुई, जहां सभी आरोपियों को गैर इरादतन हत्या का दोषी करार दिया गया। जिसे इन गुनहगारों में से एक यशवंत कराडे ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
Created On :   4 Sept 2018 11:21 PM IST