जनता झेल रही परेशानी, 10 के सिक्के लेने में चल रही आनाकानी

Ten rupees coin not is running in market, people disturb
जनता झेल रही परेशानी, 10 के सिक्के लेने में चल रही आनाकानी
जनता झेल रही परेशानी, 10 के सिक्के लेने में चल रही आनाकानी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले 8 सालों में 14 तरह के सिक्के जारी किये हैं। ये सारे सिक्के चलन में हैं, लेकिन अफवाहों के चलते छोटे-बड़े व्यवसायी, ऑटो चालक, दुकानदार आदि सिक्के लेने से मना करते हैं। कोई कहता है 10 के सिक्के बंद हो गए हैं तो कोई कहता है कि सिक्कों का क्या करें।  शहर में भी 10 के सिक्के लेने में आनाकानी करने की शिकायतें सामने आ रही हैं।  जबकि रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि भारतीय मुद्रा को लेने से इनकार करने वालों के खिलाफ पुलिस थाने में अथवा जिला प्रशासन कार्यालय में  शिकायत दर्ज करायी जा सकती है। ऐसे व्यक्ति के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया जाता है। आम लोग परेशानी तो झेल रहे, लेकिन कोई शिकायत दर्ज कराने को तैयार नहीं। इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने से व्यवसायियों के हौसले बुलंद हैं।

सर्वाधिक परेशानी श्रमजीवियों को
सिक्के नहीं लेने के कारण सर्वाधिक परेशानी का सामना श्रमजीवी वर्ग को करना पड़ रहा है। यह वर्ग दिनभर मेहनत-मजदूरी कर अपना पेट पालता है। जिस संस्थान या ठेकेदार के पास ये लोग काम करते हैं, वे मेहनताना की पूरी राशि के रूप में आधे सिक्के थमा देते हैं। किसी की 300 रुपए मजदूरी होने पर उसे 100 रुपए के सिक्के दिये जाते हैं। यही सिक्के लेकर जब वे किराना या अन्य सामग्री खरीदने जाते हैं तो दुकानदार पूरे सिक्के लेने से इनकार कर देता है। इस तरह श्रमजीवी वर्ग को परेशानी झेलनी पड़ रही है।

यात्रियों को आ रही दिक्कतें
सिक्के नहीं लेने से उपराजधानी से आवाजाही करने वाले यात्रियों को दिक्कतें आ रही हैं। नागपुर से यवतमाल तक शिवशाही बस से सफर करने वाले सौरव अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने नागपुर डिपो से बस का टिकट लिया। टिकट दर 236 रुपए है। जब उसने टिकट खिड़की में 100 रुपए के सिक्के दिये तो कंडक्टर ने लेने से इनकार कर दिया। ऐसा केवल उनके साथ ही नहीं बल्कि हर रोज सैंकड़ों यात्रियों के साथ हो रहा है। सौरव के अनुसार नागपुर के ऑटोचालक भी सिक्के लेने से इनकार कर रहे हैं। इस चक्कर में यात्रियों को बड़े नोट देने पड़ते हैं। बड़े नोटों के छुट्‌टे नहीं होने पर इसके लिए यात्रियों को भटकना पड़ता है।
 

Created On :   19 Feb 2018 3:53 PM IST

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