पेयजल में 57 मानकों की जांच जरूरी, पर खानापूर्ति

Testing of 57 standards in drinking water is necessary, but Khanapurti
पेयजल में 57 मानकों की जांच जरूरी, पर खानापूर्ति
दूषित पानी से स्वास्थ्य खतरे में पेयजल में 57 मानकों की जांच जरूरी, पर खानापूर्ति

नीरज दुबे | नागपुर ।  उपराजधानी में पेयजल में प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो रही है। खेतों से आने वाली सब्जी, फल और अनाज के कचरे से भी रासायनिक खादों और कीटनाशकों के हानिकारक तत्व पेयजल में मिल रहे हैं। कई जगहों से पेयजल पाइपलाइन में लीकेज और औद्योगिक प्रदूषण के मिलने से घरों तक पहुंचने वाले पानी में नाइट्रेट, आयरन और टीडीएस बढ़ रहा है। कई इलाकों में कुएं, हैंडपंप और नल योजना में लीकेज से दूषित पानी स्थिति को गंभीर बना रहा है, लेकिन मनपा के जलप्रदाय विभाग की ओर से इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कागजी खानापूर्ति के नाम पर ओसीडब्ल्यू के माध्यम से जल जांच कराने का दावा हो रहा है, लेकिन जलप्रदाय विभाग के पास जांच के कोई भी प्रमाण और रिपोर्ट तक मौजूद नहीं हैं।

नाइट्रेट और आयरन से गंभीर खतरा :  प्रतिदिन प्रत्येक जोन के नलों से संकलित जल के नमूनों की जांच होने का दावा मनपा कर रही है। पानी के नमूनों की जैविक जांच में क्लोराइड, फ्लोराइड टीडीएस, फ्लोराइड, नाइट्रेट और आयरन समेत 57 मानकों की जांच होनी चाहिए। पेयजल में निर्धारित मानकों से अधिक होने पर नागरिकों, बुजुर्गों और छोटे बच्चों में पेट से जुड़ी बीमारियों के अलावा, किडनी स्टोन, हडि्डयों के अलावा दांतों की समस्या हो रही है। पेयजल में नाइट्रेट और आयरन से मानवीय शरीर में खासा खतरा होता है।


कई इलाकों में मानकों का उल्लंघन : ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) ने जल में घुलनशील और अघुलनशील हानिकारक तत्वों का मानक निर्धारित किया है। इसके तहत नाइट्रेट की मात्रा 45 पीपीएम (पार्टस पर मिलीयन) को निर्धारित किया गया है, शहर के वर्धमान नगर, कापसी, पारडी, उप्पलवाड़ी समेत नाग नदी के समीप के कई इलाकों में निर्धारित मात्रा से अधिक नाइट्रेट और आयरन जल स्रोतों में मौजूद है। अत्याधिक आयरन और नाइट्रेट शरीर में पहुंचने से किडनी, पैनक्रियाज और लीवर से जुड़ी बीमारियां हो रही हैं।
ओसीडब्ल्यू से जांच का दावा, लेकिन तथ्यात्मक रिपोर्ट नहीं : मनपा जलप्रदाय विभाग के मुताबिक जलापूर्ति की पूरी व्यवस्था ओसीडब्ल्यू को दी गई है। ऐसे में सिंचाई विभाग के दो बांधों से पानी लेने, फिल्टर प्रक्रिया और जलापूर्ति पर पूरी तरह से नियंत्रण ओसीडब्ल्यू का होता है। यही वजह है कि जलापूर्ति से पहले प्रत्येक जोन क्षेत्र और 4 पंपिग स्टेशन से प्रतिदिन पानी के नमूनों को लेकर जांच की जाती है। दावा है कि ओसीडब्ल्यू की पानी की जांच रिपोर्ट को जलप्रदाय विभाग में प्रस्तुत किया जाता है, लेकिन जल नमूनों की गुणवत्ता और मिलावट समेत अन्य तत्वों के बारे में जलप्रदाय विभाग के पास कोई भी जानकारी नहीं है।

रोज होती है पानी की जांच
मनपा की ओर से जलापूर्ति व्यवस्था की जिम्मेदारी ओसीडब्ल्यू को दी गई है। ऐसे में जलापूर्ति के दौरान सभी जोन क्षेत्र और पंपिग स्टेशन से पानी के नमूनों को संकलन कर जांच करने की जिम्मेदारी भी हाेती है। प्रतिदिन और प्रतिमाह के नमूनों की रिपोर्ट को जलप्रदाय विभाग में भेजा जाता है। -श्रीकांत वाईकर, कार्यकारी अभियंता, जलप्रदाय विभाग, मनपा

Created On :   6 Nov 2022 6:09 PM IST

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