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महाराष्ट्र में खुद गिर जाएगी ठाकरे सरकारः राणे
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा सांसद नारायण राणे ने राज्य सरकार स्थिर होने के दावों को लेकर महाविकास आघाडी के घटक दलों पर निशाना साधा है। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के बयान की बाबत मंगलवार को राणे ने कहा कि मैं पवार की बातों को मानने के लिए तैयार नहीं हूं। राज्य को जल्द ही पता चल जाएगा कि महाविकास आघाडी सरकार स्थिर है या अस्थिर है। सबको पता चला जाएगा कि यह सरकार बनी रहेगी या फिर गिरेगी। राणे ने दावा किया कि यह सरकार अपने आप गिर जाएगी। इस बीच वरिष्ठ भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने जैसी स्थिति नहीं हैं।
भाजपा सांसद ने कहा कि सरकार चलाने वाले को भी पता है कि मैं सरकार चला नहीं सकता। राणे ने दावा किया कि महाविकास आघाडी सरकार बनने के बाद कभी भी सरकार स्थिर नहीं रही है। तीनों दलों के आपसी विवाद खत्म नहीं हो रहे हैं। स्थिर सरकार देना महाविकास आघाडी के बस की बात नहीं है। राणे ने कहा कि मैंने राज्य मे राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से की है। मैंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग व्यक्तिगत रूप से की है। भाजपा की भूमिका पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील स्पष्ट करेंगे। राणे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात पर निशाना साधते हुए कहा कि थोरात ने कहा है कि सरकार पांच साल तक चलेगी लेकिन थोरात को अपनी सहयोगी राकांपा और शिवसेना से पूछना चाहिए कि सरकार पांच साल चलेगी क्या? शिवसेना सांसद संजय राऊत के राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए गुजरात सबसे फिट राज्य होने के बयान पर राणे ने कहा कि राऊत की शिवसेना के भीतर क्या औकत है। किस राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करना है यह फैसला केंद्र सरकार करेगी। राऊत को केंद्र सरकार ने अपना प्रवक्ता नहीं बनाया है। राऊत को पहले महाराष्ट्र की स्थिति पर बात करनी चाहिए।
मुनगंटीवार वरिष्ठ होंगे, मैं भी पूर्व मुख्यमंत्री हूं
राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने के मुद्दे पर भाजपा में एकमत नहीं दिखाई दे रहा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा है कि राज्य में अभी वैसी स्थिति पैदा नहीं हुई है कि राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए। इस पर राणे ने कहा कि मुनगंटीवार को पहले कोरोना से होने वाली मौत का आंकड़ा देखना चाहिए। वह वरिष्ठ नेता होंगे तो मैं भी पूर्व मुख्यमंत्री हूं। इससे पहले मुनगंटीवार ने कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की भूमिका भाजपा की हो ही नहीं सकती। राज्य में ऐसी कोई परिस्थिति पैदा नहीं हुई है कि राष्ट्रपति शासन लागू करना पड़े। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार के पास बहुमत है,तब तक सरकार स्थिर रहेगी। लेकिन सरकार में शामिल लोगों का मन अस्थिर नहीं होना चाहिए। मुनगंटीवार ने कहा कि अगर शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस में से किसी एक दल ने सरकार से समर्थन वापस लिया और सरकार के पास बहुमत नहीं होगा तो राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है लेकिन अभी ऐसी परिस्थिति नहीं है।
Created On :   26 May 2020 10:54 AM GMT