गडकरी-फडणवीस को बताया चंगु - मंगु, विरोध में लगे बैनर , धार्मिक स्थलों को तोड़ने के लिए ठहराया जिम्मेदार

the action taken against the unauthorized religious places in the city
गडकरी-फडणवीस को बताया चंगु - मंगु, विरोध में लगे बैनर , धार्मिक स्थलों को तोड़ने के लिए ठहराया जिम्मेदार
गडकरी-फडणवीस को बताया चंगु - मंगु, विरोध में लगे बैनर , धार्मिक स्थलों को तोड़ने के लिए ठहराया जिम्मेदार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उच्च न्यायालय के निर्देशों पर शहर में अनधिकृत धार्मिक स्थलों के खिलाफ की गई कार्रवाई का असर अब राजनेताओं को भुगतना पड़ रहा है। अपनी नाराजगी जताने के लिए लोगों ने शहर में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितीन गडकरी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ बैनर चिपकाने शुरू कर दिए है। जिससे तनाव की स्थिति निर्माण हो गई है। सोमवार को ताजा मामला सामने आया है। कामठी रोड पर गुलशन नगर में कुछ लोगों ने केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी को चंगु और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को मंगु की उपमा देते हुए बैनर लगाए। जिसमें लिखा गया कि गुलशन नगर वासियों की ओर से मंदिर तोड़ने के लिए चंगु एवं मंगु को हार्दिक बधाई।

बैनर में दोनों नेताओं की लगी है तस्वीर
बैनर में दोनों नेताओं की मुस्कराती तस्वीर भी दिखाई गई है, जिसमें लिखा है लो तोड़ दिया हमने मंदिर। यह बैनर लगने से गुलशन नगर में खासा तनाव देखा जा रहा है। भाजपा कार्यकर्ता और नागरिकों में इसे लेकर तू-तू, मैं-मैं की स्थिति बनी रही। हंगामा भी मचा। हंगामे के बीच भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस बैनर को फाड़ दिया। सूत्रों ने बताया कि भाजपा के ही एक असंतुष्ठ गुट ने यह बैनर लगाया है। इसे लेकर अब भाजपा को स्थानीय दो गुट आमने-सामने हो गए है। दोनों गुटों के बीच जमकर हाथापाई की भी खबरें है। आखिरकार बड़े नेताओं के बाद मामला शांत हुआ। फिलहाल यह मामला आगे भी गर्माने के आसार है। सूत्रों ने बताया कि भाजपा के दोनों गुट इस मुद्दे को ऊपर तक ले जाएंगे। जिससे आगामी दिनों में भाजपा में राजनीति गर्माने की संभावना है। 

मोर्चा और आंदोलन भी हुए
गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने शहर के सभी अनधिकृत धार्मिक स्थलों को तोड़ने के आदेश दिए थे। आदेश के मुताबिक, नागपुर महानगरपालिका और नागपुर सुधार पऱ्न्यास ने कार्रवाई करते हुए पिछले कुछ दिनों में सैकड़ों धार्मिक स्थलों का सफाया किया है। केंदऱ्, राज्य और महानगरपालिका में भाजपा की सत्ता होने से अब नागरिक भाजपा नेताओं से सवाल पूछ रहे है. उनके घरों और कार्यालयों का घेराव तक किया गया। विरोध स्वरुप अनेक मोर्चे और आंदोलन हुए। कार्रवाई के दौरान अधिकारियों का घेराव तक हुआ। लेकिन कोई इस संबंध में नागरिकों को आश्वस्त या संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहा है। ऐसे में अब नागरिकों की नाराजगी खुलकर जाहिर हो रही है। भाजपा के ही एक वर्ग में इस कार्रवाई को लेकर भारी नाराजगी है। वे इस लोगों की आस्था से जोड़कर बता रहे है। ऐसे में नागरिकों की नाराजगी को अब भाजपा का असंतुष्ठ गुट बाहर ला रहा है। हालांकि आधिकारिक सूत्र भाजपा गुट की इसमें संलिप्तता से इनकार कर रहा है। वह इसे विरोधियों की साजिश बता रहा है। 

Created On :   5 Nov 2018 2:28 PM IST

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