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डीसीपी त्रिपाठी के कहने पर लखनऊ भेजी गई थी रकम

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आंगडिया वसूली रैकेट मामले में आरोपी पुलिस उपायुक्त(डीसीपी) सौरभ त्रिपाठी ने हवाला के जरिए आंगडिया व्यापारी से लूटी गई रकम में से कुछ रकम ली थी। पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है। मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश पुलिस की मदद से लखनऊ में एक शख्स से पूछताछ की है। इस शख्स को मामले में गिरफ्तार पुलिस अधिकारी ओम वांगते ने त्रिपाठी के कहने पर पैसे दिए थे।
वांगते को मुंबई पुलिस ने 10 मार्च को गिरफ्तार किया था। वांगते पर आंगडिया व्यापारी से 19 लाख रुपए वसूलने का आरोप है। वांगते ने इस रकम का ज्यादातर हिस्सा आईपीएस अधिकारी त्रिपाठी के कहने पर लखनऊ से पकड़े गए एक शख्स को दिया था। पुलिस ने इस शख्स के पास से डेढ़ लाख रुपए बरामद किए हैं। पुलिस के मुताबिक वांगते ने त्रिपाठी के निर्देश पर यह पैसे हवाला के जरिए लखनऊ भेजे थे। लखनऊ से पकड़े गए शख्स को मुंबई पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर मुंबई लेकर आयी है। जबकि स्थानीय कोर्ट ने वांगते को फिलहाल न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट पहुंचे डीसीपी त्रिपाठी
वहीं आंगडिया वसूली रैकेट से जुड़े मामले में पुलिस की जांच के घेरे में आए पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सौरभ त्रिपाठी ने मुंबई सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत आवेदन दायर किया है। कोर्ट ने 23 मार्च 2022 को जमानत आवेदन पर सुनवाई रखी है। आवेदन में त्रिपाठी ने खुद पर लगे आरोपों का खंडन किया है। हाल ही में मुंबई के क्राइम ब्रांच की इंटेलिजेंस यूनिट(सीआईयू) ने इस मामले में डीसीपी त्रिपाठी को फरार आरोपी बताया हैऔर सरकार से डीसीपी त्रिपाठी को सेवा से निलंबित करने की सिफारिश की है। 18 फरवरी को पुलिस ने इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बाद आईपीएस अधिकारी त्रिपाठी का डीसीपी ऑपरेशन के पद पर तबादला कर दिया गया था। हालांकि त्रिपाठी ने अब तक नए पद का पदभार नहीं संभाला है। आंगडिया एसोसिएशन ने इस मामले को लेकर पहले पुलिस में शिकायत की थी। मूल रुप से उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले त्रिपाठी साल 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और उन्होंने मुंबई के नायर अस्पताल से एमबीबीएस भी किया है।
Created On :   19 March 2022 7:53 PM IST