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आदर्श शिक्षक प्रकरण: सीईओ के पास नहीं पहुंची फाइल
डिजिटल डेस्क, नागपुर। आदर्श शिक्षक पुरस्कार के मामले ने तूल पकड़ने पर संबंधित शिक्षक का पुरस्कार रद्द कर दिया गया था। गत शिक्षाधिकारी, दो विस्तार अधिकारी, केंद्र प्रमुख और शिक्षक को नोटिस जारी किए गए। नोटिस मिलने पर सभी के जवाब प्राप्त हो चुके हैं, लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा बचाव की भूमिका लेने से फाइल विभाग में ही पड़ी है। जिला परिषद हर वर्ष तहसील के एक प्राथमिक शिक्षक और जिले के दो माध्यमिक शिक्षकों को आदर्श पुरस्कार से सम्मानित करती है।
शैक्षणिक कार्य के साथ विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्य तथा रिकॉर्ड के मूल्यांकन के आधार पर आदर्श शिक्षक पुरस्कार के लिए चयन किया जाता है। विभागीय जांच तथा आर्थिक धांधली की जद में रहने वाले शिक्षक का पुरस्कार के लिए चयन नहीं करने का नियम है। इसे ताक पर रखकर रामटेक तहसील के शिक्षक का चयन किया गया। आपत्ति दर्ज होने पर पुरस्कार रद्द करना पड़ा। जिले की 13 तहसीलों से 13 प्राथमिक शिक्षक, जिले के 2 माध्यमिक शिक्षक और इस वर्ष पहली बार एक विशेष शिक्षक का आदर्श शिक्षक पुरस्कार के लिए चयन किया गया।
नोटिस का जवाब मिलकर 20 दिन से अधिक कालावधि हो चुकी है। जानकारों की माने तो नोटिस का जवाब मिलने पर 8 दिन में फाइल सीईओ के पास भेजना अपेक्षित है, लेकिन शिक्षा विभाग मामले को दबाना चाहता है, इसलिए फाइल विभाग में ही रोक कर रखे जाने की जानकारी सूत्रों से मिली है। इसके पीछे राजनीतिक दबाव भी माना जा रहा है। इस मामले में सीईओ की क्या भूमिका रहेगी, इसी पर नजरें टिकी हुई हैं।
Created On :   18 Oct 2020 12:27 PM GMT