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नगर निगम को हर साल 50 लाख का फटका, फाइलों में कैद होर्डिंग पॉलिसी

डिजिटल डेस्क, कटनी। नगरीय निकायों की होर्डिंग पॉलिसी प्रदेश के बड़े शहरों में भले ही लागू हो चुकी है कटनी जैसे ढाई लाख की आबादी वाले शहर में इस पर अमल करने में नगर निगम को पसीना आ रहा है। डेढ़ साल में नगर निगम कंसल्टेंट एजेंसी ही तय नहीं कर पाया है। होर्डिंग पॉलिसी नहीं बनने से नगर निगम को हर साल विज्ञापन से मिलने वाले शुल्क में लगभग 50 लाख का फटका लग रहा है। बताया जाता है कि नगर निगम का जिम्मेदार अमला होर्डिंग पॉलिसी में जानबूझकर रोड़ा अटका रहा है।
साल भर में दस लाख आय नहीं
नगर निगम को वर्तमान में होर्डिंग से दस लाख की भी आमदनी नहीं होती है, जबकि निगम के अधिकारियों का अनुमान है कि नई पॉलिसी लागू होने से नगर निगम को होर्डिंग से 50 लाख रुपए तक सालाना आमदनी हो सकती है। इतना ही नहीं पीरबाबा से चाका तक 14 किलोमीटर सड़क में स्ट्रीट लाइट के बिजली का बिल भी होर्डिंग की आय से अदा किया जा सकता है।
तय नहीं हो पाई कंसल्टेंट एजेंसी
बताया जाता है कि कंसल्टेंट एजेंसी के लिए निविदा आमंत्रित करने की फाइल भी डेढ़ माह से अटकी पड़ी है। जबकि इसके लिए एमआईसी में प्रस्ताव भी पारित हो चुका है। एमआईसी में प्रस्ताव पारित होने के बाद होर्डिंग पॉलिसी लागू करने कंसल्टेंट नियुक्त करना है। यह होर्डिंग के लिए शहर में सर्वे करेगी एवं सुझाव देगी। इसके पश्चात टेंडर से विज्ञापन एजेंसी तय की जाएगी। बीडर सिलेक्शन के लिए आनलाइन आवदेन लिए जाएंगे। शहर की लोकेशन एवं गजट की गाइड लाइन के अनुसार होर्डिंग के रेट तय किए जाएंगे।
उपायुक्त ने तलब की फाइल
होर्डिंग पॉलिसी में रोड़ा बने नगर निगम का अमला हर कदम में अडंग़ा लगाने से कोई कसर नहीं छोड़ता है। बताया गया है कि कंसल्टेंट की नियुक्ति के लिए निविदा जारी करने उपायुक्त ने फाइल कंपलीट करके दो दिन में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए लेकिन यह फाइल 15 दिन तक अटकी रही। आखिरकार उपायुक्त ने जब कड़ा रुख अपनाया तो आधी अधूरी जानकारी के साथ फाइल प्रस्तुत कर दी गई।
इनका कहना है
होर्डिंग पॉलिसी लागू करने कंसल्टेंट एजेंसी के लिए जल्द ही टेंडर कॉल किए जाएंगे। इसके पश्चात आगे की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।- असफाक परवेश कुरैशी, उपायुक्त ननि
Created On :   2 Oct 2018 1:18 PM IST