- Home
- /
- लाखों की सफाई मशीन होने के बावजूद...
लाखों की सफाई मशीन होने के बावजूद स्टेशन पर कचरा ही कचरा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर रेल्वे स्टेशन पर लाखों रुपयों की बोतल क्रशिंग मशीन बेकार साबित होते दिख रही है। प्रचार- प्रसार के अभाव के कारण मशीनों का बहुत कम उपयोग हो रहा है। परिणामस्वरूप यात्री प्लेटफार्म पर ही बोतलें फेंक रहे हैं। जिससे गंदगी को बढ़ावा मिल रहा है। ऐसे में सफाई के लिए लाखों खर्च करने के बाद भी कौड़ियों की सफाई नहीं होने की बात हर किसी की जुबान पर आ रही है।
उल्लेखनीय है कि नागपुर स्टेशन पर बड़ी संख्या में यात्रियों की उपस्थिति रहती है। खान-पान व्यवस्था के लिए यहां निजी रेस्त्रां से लेकर निजी स्टॉल लगे हैं। यात्री पानी की बोतलें ज्यादातर खरीदी करते हैं। लेकिन पानी खत्म होने के बाद यात्री इसे कैरी नहीं कर सकते हैं। परिणामस्वरूप यह बोतलें परिसर में ही पड़ी रहती है। जो कचरा, गंदगी का कारण बन रही है।
कई बार यह बोतलें परिसर की नालियों आदि में गिरकर उन्हें चोक भी करा देती है। परिसर में कई कचरे के डिब्बे भी रखे हैं। लेकिन इन डिब्बों का जल्दी भरने का मुख्य कारण खाली पानी की बोतलें ही है। ऐसे में कुछ समय पहले ही रेल प्रशासन ने लाखों रुपये खर्च कर स्टेशन के दो प्लेटफार्म पर बोतल क्रशिंग की मशीनें लगाई है। इस मशीन में पानी की खाली बोतल यात्रियों को डाल देनी है, मशीन ऑटोमेटिक बोतल को निगलकर खत्म कर देगी। यही नहीं बदले में मशीन पर लगे आंकड़ों पर आपको अपना मोबाइल नंबर टाइप करने पर आपके रजिस्टर्ड पेटीएम अकाउंट में प्रति बोतल 2 रुपये जमा भी होते हैं। लेकिन प्रचार-प्रसार के अभाव के कारण इन दिनों प्लेटफार्म नंबर 1 व 2 पर लगाई यह मशीनें बेकार साबित हो रही है। बहुत कम लोग इसका उपयोग करते हैं। विडंबना यह है, कि अब तक कितनी बोतलें मशीन में क्रश की गई है, यह जानकारी तक रेलवे के पास नहीं है।
नहीं है जानकारी
मशीन का बहुत प्रमाण में उपयोग हो रहा है। सब ऑनलाइन रहने से हमारे पास इसमें कितनी बोतल क्रश हुई हैं, इसकी जानकारी नहीं है। -एस.जी. राव, साहायक वाणिज्य प्रबंधक, मध्य रेलवे नागपुर
Created On :   23 Nov 2018 3:22 PM IST