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भाजपा की 8 रैलियों में भीड़ ढुलाई पर लगाई गईं थीं 850 यात्री बसें, फंसा 3 करोड़ का पेमेंट!

डिजिटल डेस्क, सतना। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही यहां बस ऑनर्स एसोसिएशन की धड़कन बढ़ गई है। एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष कमलेश गौतम हों या फिर सचिव बृजेन्द्र प्रतापसिह दोनों के सामने एक बड़ा सवाल ये है कि अब आखिर उनके तकरीबन 3 करोड़ के भीड़ ढुलाई के भुगतान का क्या होगा? बस आनर्स एसोसिएशन की मानें तो कभी पीएम तो कभी सीएम की जनसभाओं में भीड़ जुटाने के लिए अलग-अलग आयोजित कुल 8 रैलियों में तकरीबन साढ़े 800 यात्री बसें इस शर्त के साथ से साथ ली गईं थीं कि भुगतान 3-4 दिन के अंदर कर दिए जाएंगे। मगर, तब महज डीजल की पर्चियां ही पकड़ाई गई थीं। अब, इस भुगतान के सवाल पर चुप्पी है। जवाब महज इतना है,अच्छा उपाय बता दो...का करें...कहां से करें। जबकि बड़ी बसों पर 40 रुपया प्रति किलोमीटर और छोटी गाडिय़ों का 35 रुपए प्रतिकिलोमीटर की दर से भुगतान बनता है।
कहां-कितनी बसें
उल्लेखनीय है, पीएम की मौजूदगी में अमरकंटक में नर्मदा यात्रा के लिए जुबानी फरमान पर 250, भोपाल के जंबूरी मैदान के लिए 100 , रीवा के गुढ़ में तबके सीएम की रैली के लिए 150 ,नौगांव में रेल मंत्री के आगमन पर 100 और हाल ही में सतना में भाजपा के पिछड़ा वर्ग महाकुंभ के लिए 250 बसों के प्रबंध की जिम्मेदारी सतना के ही बस आनर्स एसोसिएशन के सिर पर थी । इन बसों से भीड़ लाने और ले जाने के लिए बस आपरेटर्स को सिर्फ डीजल की पर्चियां दी गई थीं।
बनता नहीं है क्लेम
बस आनर्स एसोसिएशन की एक बड़ी मुश्किल तो ये है कि भाजपा की भीड़ ढुलाई में लगी इन यात्री बसों के भाड़ा भुगतान का कोई कानूनी क्लेम नहीं बनता है। असल में इन बसों का बाकायदा अधिग्रहण नहीं हुआ था। सिर्फ जबानी फरमान पर इनका उपयोग किया गया था। एसोसिएशन के सचिव बृजेन्द्र प्रताप सिह कहते हैं,गनीमत तो ये थी कि इस बीच कोई हादसा नहीं हुआ,वर्ना रुट के बाहर बगैर परमिट हो चुकी इन बसों के क्लेम भी नहीं मिलते।
रजिस्टर्ड हैं 650 यात्री बसें
जिला मुख्यालय में मौजूदा समय में लगभग 650 यात्री बसें रजिस्टर्ड हैं। समूचे विंध्य क्षेत्र में इतनी संख्या में यात्री बसें किसी अन्य जिला मुख्यालय में नहीं हैं। यही वजह है कि सियासी बेगारी के लिए सतना की बसें सब की आंखों में खटकती हैं।
इनका कहना है
जुबानी फरमान पर इन बसों का उपयोग किया गया। सिर्फ डीजल की पर्चियां दी गई थीं। तब ये कहा गया था कि भुगतान 3-4 दिन में कर दिया जाएगा। बगैर परमिट गाडिय़ां चलानी पड़ीं। दुर्भाग्य से कोई हादसा हो जाता तो वाजिब क्लेम भी नहीं मिलता। -कमलेश गौतम, अध्यक्ष बस ऑनर्स एसोसिएशन
बड़ी गाडिय़ों का भुगतान 40 रुपया और छोटी गाडिय़ों का भुगतान 35 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से होना चाहिए। इस हिसाब से 850 बसों का भाड़ा लगभग 3 करोड़ बनता है। -बृजेन्द्र प्रताप सिह, सचिव बस ऑनर्स एसोसिएशन
Created On :   14 Dec 2018 1:20 PM IST