आयुर्वेदिक में एलोपैथिक दवा मिलाकर बेचने का चला रहे थे गोरखधंधा, आयुर्वेदाचार्य सहित 4 पर केस दर्ज

the case has been registered against the ayurvedic doctor and four others for Mixing Ayurvedic and allopethic medicine
आयुर्वेदिक में एलोपैथिक दवा मिलाकर बेचने का चला रहे थे गोरखधंधा, आयुर्वेदाचार्य सहित 4 पर केस दर्ज
आयुर्वेदिक में एलोपैथिक दवा मिलाकर बेचने का चला रहे थे गोरखधंधा, आयुर्वेदाचार्य सहित 4 पर केस दर्ज

डिजिटल डेस्क,नागपुर। आयुर्वेदिक में एलोपैथिक दवा मिलाकर बेचने वाले आयुर्वेदाचार्य सहित 4 पर केस दर्ज किया गया है। आयुर्वेदाचार्य सुरेश कन्हैयालाल पसीने आैर चार अन्य लोगों के खिलाफ बिना किसी लाइसेंस के आयुर्वेदिक दवा में एलोपैथिक दवा मिश्रित कर बेचने का खुलासा हुआ है। अन्न व औषधि विभाग ने गत दिवस तीन आयुर्वेदिक दवा विक्रेता और एक अस्पताल पर छापा मारा था। यहां से जब्त दवाओं को जांच के लिए लैब में भेजा गया  जहां से मिली रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। जरीपटका, प्रताप नगर और हुड़केश्वर थानांतर्गत हुई इस कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है? आयुर्वेदाचार्य पिता-पुत्र समेत पांच लोगों के खिलाफ मरीजों और सरकार के साथ धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया है।

बेचने का नहीं है लाइसेंस
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी सुरेश कन्हैयालाल पसीने आयुर्वेदाचार्य के रूप में शहर में जाने जाते हैं।कामठी रोड स्थित सुमन विहार में इनका गायत्री आयुर्वेदिक औषधालय और अस्पताल भी है। काफी संख्या में मरीज यहां आयुर्वेद पद्धति से अपना इलाज कराने आते हैं। इस बीच अन्न व औषधि विभाग को गुप्त जानकारी मिली थी कि यहां पर नकली आयुर्वेदिक दवा मरीजों को बेची जाती है। इसकी बिक्री करने का लाइसेंस भी नही है। लिहाजा विभाग की तीन टीमों ने सुरेश पसीने के आयुर्वेदिक अस्पताल और दवा दुकान पर छापे मारे। इसके बाद सुरेश पसीने की पुत्री प्रियंका कौस्तुभ पसीने के हिंगना टी-प्वाइंट, गोदावरी कॉम्पलेक्स स्थित गायत्री रिटेल्स, उसी क्षेत्र में प्रथमेश आयुर्वेदिक एजेंसी और अयोध्या नगर में योगेश राऊत के पलाश आयुर्वेदिक एजेंसी पर भी छापा मारा गया। विविध स्थानों पर हुई इस कार्रवाई के दौरान जब्त आयुर्वेदिक दवाओं के नमूने लिए गए थे, जिन्हें लैब में जांच के लिए भेजा गया था। मंगलवार को इसकी रिपोर्ट विभाग को प्राप्त हुई है, जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। 

मरीजों को बनाते थे बेवकूफ
विभाग की कार्रवाई से नकली आयुर्वेदिक दवा बेचने का खुलासा हुआ है। इससे भी बड़ी बात यह है िक उक्त दवा विक्रेताओं के पास असली आयुर्वेदिक दवा बेचने का भी लाइसेंस नहीं है। वर्षों से यह फर्जीवाड़ा धड़ल्ले से जारी था और विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी। 

खुद बनाते थे दवा
कार्रवाई से यह भी खुलासा हुआ है कि संबंधित दवा विक्रेताओं ने कहीं से भी कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है। झोलाछाप चिकित्सक के तौर पर खुद ही दवा का निर्माण करते थे और मरीजों का इलाज करते थे। नकली आयुर्वेदिक दवा होने से दवा विक्रेता इससे भली-भांति परिचित थे कि मरीज को इस दवा से लाभ नहीं मिलने वाला है, इस कारण उसमें एलोपैथिक दवा को मिलाया जाता था, ताकि मरीज को आयुर्वेद के नाम पर थोड़ा-बहुत लाभ मिले। कार्रवाई से आयुर्वेदिक दवा विक्रेताओं में हड़कंप मचा रहा। प्रकरण में और भी गंभीर खुलासे होने की संभावना है। प्रकरण दर्ज किए गए हैं, लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। आयुक्त पुष्पहास बल्लाड़, सह.आयुक्त डॉ. राकेश तिरपुडे, सहायक आयुक्त प्रकाश शेंडे, निरीक्षक मोनिका धवड़, सतीश चव्हाण आदि ने कार्रवाई को अंजाम दिया है।

 

 

Created On :   27 Sept 2018 10:57 AM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story