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करोड़ों की लगात से नागनदी का सौंदर्यीकरण, 15 मीटर के दायरे से लोगों को हटाने की तैयारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागनदी के दिन बहुत ही जल्द संवरने वाले है। केंद्र सरकार ने नाग नदी सौंदर्यीकरण प्रकल्प के लिए हरी झंडी दे दी है। 1252.33 करोड़ रुपए की लागत से नागनदी का सौंदर्यीकरण होगा, लेकिन इस कार्य के लिए अनेक कच्चे-पक्के मकानों, दुकानों और प्रतिष्ठान प्रभावित होंगे। नागनदी के दोनों ओर 15 मीटर के दायरे में बसे लोगों को हटाया जाएगा। इसके लिए आगामी 24 सितंबर की मनपा सभा में प्रस्ताव आने की संभावना है। इसे लेकर विरोध तेज हो गया है। मनपा सभा के अंदर और बाहर दोनों तरफ हंगामा होने के आसार हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस और ‘जय जवान, जय किसान संगठन’ ने मिलकर नागनदी सौंदर्यीकरण के लिए हजारों लोगों को बेघर करने का विरोध किया है। ऐसे में आने वाले दिनों में यह मामला तूल पकड़ सकता है।
विरोध के स्वर उभरने लगे
मंगलवार को अपना विरोध जताने के लिए मनपा में राकांपा गट नेता दुनेश्वर पेठे और ‘जय जवान, जय किसान’ संगठन के नेता प्रशांत पवार ने अतिरिक्त आयुक्त रविंद्र ठाकरे से मुलाकात और इस प्रस्ताव को रद्द करने की मांग की। उन्होंने कहा कि नागनदी में अभी कोई पानी का स्रोत नहीं है। लावा से इसका उद्गम था, जो अब बंद हो चुका है। सीवेज का पानी नागनदी में बहता है। नागनदी के सौंदर्यीकरण के लिए पहले सीवेज को बंद करना होगा। उन्हें जीने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। नागनदी सौंदर्यीकरण योजना क्रियान्वित करना संभव नहीं होने के बावजूद व्यापारीकरण के लिए 15 मीटर जगह अधिगृहीत कर लोगों को विस्थापित करने का षडयंत्र रचा जा रहा है। ऐसे में तुरंत इस प्रस्ताव को रद्द किया जाए अन्यथा आंदोलन को और तीव्र किया जाएगा।
जापान सरकार दे रही है कर्ज
शहर की पहचान माने जाने वाली नागनदी का संवर्धन और सौंदर्यीकरण करने के लिए हाल में केंद्र सरकार ने 1252.33 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके लिए जापान सरकार ने कर्ज देने को हरी झंडी दी है। मनपा का इसमें 15 प्रतिशत हिस्सा होगा, यानी वह 187.84 करोड़ रुपए देगी। सौंदर्यीकरण के तहत नागनदी में सीवरेज को रोक ट्रंक लाइन डालना और उसका सौंदर्यीकरण करना है। इसके लिए नागनदी के दोनों ओर 15 मीटर क्षेत्र में अतिक्रमण का सफाया किया जाएगा। ऐसे में हजारों लोगों के प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है।
आरक्षित जगहों पर बस गईं बस्तियां
प्राप्त जानकारी के अनुसार, नागनदी से सटी जगह सार्वजनिक उपयोग, खेल मैदान, निवासी उपयोग के लिए आरक्षित थीं, लेकिन धीरे-धीरे कर लोगों ने यहां बड़े पैमाने पर कब्जा जमा लिया है। मौजूदा स्थिति में नागनदी के किनारे 29 झोपड़पट्टियां सहित करीब 55 हजार की आबादी है। फिलहाल इन्हें हटाने के लिए नीति तय नहीं।
ये क्षेत्र होंगे प्रभावित
अंबाझरी ओवरफ्लो से लेकर पारडी पुनापुर तक बड़े पैमाने पर लोगों के घरों के उजड़ने की आशंका है। खासकर काछीपुरा, यशवंत स्टेडियम से सटा क्षेत्र, संगम, नेताजी मार्केट, कुंभारटोली, कर्नलबाग, राहतेकर वाडी, गुलाबबाबा, सोनिया गांधी नगर, गोंडपुरा, शिवाजीनगर, बस्तरवाडी कॉलोनी, गुजर नगर, गायत्री नगर, केशव नगर सहित कई इलाकें होंगे प्रभावित।
Created On :   19 Sept 2018 10:34 AM IST