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लॉकडाउन के पहले वेतन पाने वालों के लिए ही लागू होगा केंद्र सरकार का निर्देश
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया है कि केन्द्र सरकार की ओर से लॉकडाउन के दौरान नियोक्ताओं को बिना कटौती के कर्मचारियों को वेतन भुगतान का निर्देश ऐसे कर्मचारियों पर लागू नहीं होता, जिन्हें लॉकडाउन शुरु होने के पहले से भुगतान नहीं किया जा रहा था। न्यायमूर्ति उज्जल भूयान व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ ने यह फैसला भारी मशीनों के निर्माण से जुड़ी पुणे की कंपनी प्रीमियर लिमिटेड कंपनी व उसके कर्मचारी यूनियन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद सुनाया है। कंपनी ने याचिका में औद्योगिक न्यायालय के निर्णय को चुनौती दी थी। जिसके तहत कंपनी को वेतन भुगतान का निर्देश दिया था।जबकि यूनियन ने लॉकडाउन की अवधि के दौरान कर्मचारियों को भुगतान के विषय में केंद्र सरकार की ओर से जारी 29 मार्च 2020 और राज्य सरकार की ओर से 31 मार्च 2020 को जारी निर्देश लागू करने और लॉकडाउन की अवधि के दौरान भुगतान करने का निर्देश देने का आग्रह किया था।
वरिष्ठ अधिवक्ता गायत्री सिंह के माध्यम से यूनियन की ओर से दायर याचिका में कहा गया है था कि मार्च 2019 से उन्हें अब तक वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। इससे पहले यूनियन ने कंपनी पर अनुचित श्रम व्यवहार का आरोप लगाते हुए औद्योगिक कोर्ट में आवेदन भी दायर किया था। औद्योगिक न्यायालय ने 3 मार्च 2020 को कंपनी को कर्मचारियों को भुगतान का निर्देश दिया था। सुनवाई के दौरान कंपनी ने दावा किया कि उसने साल 2017 में अपना प्लांट दूसरी जगह शिफ्ट कर लिया था। इसके लिए उसने जरूरी अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल किया है। यह प्रमाणपत्र कर्मचारियों के भुगतान की शर्त पर दिया गया था। कंपनी के अनुसार कर्मचारियों के असहयोग के कारण उसे कारोबार में नुकसान झेलना पड़ा है।
मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि केन्द्र सरकार का लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों को वेतन भुगतान का दिया गया निर्देश उन्हीं कर्मचारियों पर लागू होगा, जो लॉकडाउन घोषित करने की तारीख के दिन नौकरी पर थे। जिन कर्मचारियों को लंबे समय से भुगतान नहीं किया गया है। उन पर केंद्र सरकार का निर्देश लागू नहीं होगा। इस मामले में कर्मचारियों को मई 2019 से भुगतान नहीं किया गया है। खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में केंद्र व महाराष्ट्र सरकार का निर्देश लागू नहीं होगा। क्योंकि सरकार ने लॉकडाउन के कारण पैदा हुई परिस्थितियों के मद्देनजर वेतन के भुगतान के संबंध में निर्देश जारी किया है। खंडपीठ ने कंपनी को कर्मचारियों को उनके लंबित वेतन की 50 प्रतिशत राशि का भुगतान करने को कहा है और मामले से संबंधित इंडस्ट्रीयल कोर्ट में प्रलंबित शिकायत पर 6 महीने में सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया।
Created On :   14 July 2020 12:49 PM GMT