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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सुप्रीम कोर्ट से बड़े नहीं हैं

डिजिटल डेस्क , मुंबई। महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद को लेकर राज्य में राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है। सीमा विवाद पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई आमने-सामने आ गए हैं। फडणवीस ने बोम्मई के बयान पर पलटवार किया है। वहीं बोम्मई के सांगली के जत तहसील के 40 गांवों के बाद सोलापुर और अक्कलकोट तहसील के गांवों पर दावा करने को लेकर महाराष्ट्र में विपक्ष भड़क गया है। गुरुवार को उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि सीमा विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। जिसमें महाराष्ट्र सरकार ने अदालत में सभी सबूत दाखिल किया है। मुझे अपेक्षा है कि सुप्रीम कोर्ट उचित फैसला करेगा। इसलिए सुप्रीम कोर्ट से कोई बड़ा नहीं है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री भी सुप्रीम कोर्ट से बड़े नहीं हैं।
फडणवीस ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री महाराष्ट्र के गांवों पर चाहे जितना दावा ठोक लें। महाराष्ट्र का एक भी गांव कर्नाटक में शामिल नहीं होने दिया जाएगा। जबकि मुझे उम्मीद है कि महाराष्ट्र को कर्नाटक के सीमावर्ती इलाके वापस मिल जाएंगे। कर्नाटक के मुख्यमंत्री के ट्वीट पर फडणवीस ने कहा कि मैंने कोई भड़काऊ बयान नहीं दिया है। मैंने केवल इतना कहा है कि कर्नाटक के सीमावर्ती बेलगांव, कारवार, निपाणी सहित अन्य मराठी भाषी गांवों पर महाराष्ट्र का दावा है। यह महाराष्ट्र सरकार की पुरानी मांग है। इसके लिए महाराष्ट्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में भी लड़ाई लड़ रही है। इसलिए इस बयान को भड़काऊ नहीं कहा जा सकता है। जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी कहा कि महाराष्ट्र की एक इंच जमीन भी कर्नाटक में जाने नहीं दी जाएगी। वहीं विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोर्हे ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। दूसरी ओर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र लगातार कर्नाटक के सीमावर्ती बेलगांव, कारवार, निपाणी इलाकों की मांग करते आया है। यदि कर्नाटक सरकार बेलगांव, कारवार, निपाणी सहित अन्य मराठी भाषी इलाकों को महाराष्ट्र को वापस देने के लिए तैयार है तो कर्नाटक के मुख्यमंत्री की ओर से महाराष्ट्र के गांवों पर किए गए दावे पर चर्चा हो सकती है पर कोई फैसला लिए बिना बेवजह कर्नाटक के मुख्यमंत्री का महाराष्ट्र के गांवों पर दावा करना उचित नहीं है। पवार ने कहा कि सीमा विवाद मामले में केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती है।
मुख्यमंत्री शिंदे में कुर्सी छोड़ने की हिम्मत नहीं- उद्धव ठाकरे
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री के शरीर में भूत प्रवेश कर गया है। वे लगातार महाराष्ट्र के गांवों पर दावा ठोंक रहे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री शिंदे की सीमा विवाद पर कर्नाटक की भाजपा सरकार के खिलाफ कोई टिप्पणी करने की हिम्मत नहीं है। क्योंकि शिंदे ऊपर वाले (दिल्ली वाले) की मेहरबानी से मुख्यमंत्री बने हैं। ऐसे में वे दिल्ली वालों की मर्जी के खिलाफ कुछ नहीं बोल सकते हैं। मुख्यमंत्री शिंदे में कुर्सी छोड़ने की हिम्मत नहीं है। उद्धव ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र के गांवों पर दावे को लेकर अचानक बात छिड़ी है। इसलिए स्पष्ट होना चाहिए कि क्या उन्हें भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का आशीर्वाद है अथवा केंद्र सरकार की सीमा विवाद के मुद्दे पर मानसिकता ही यही है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने क्या कहा
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई ने ट्वीट करके कहा कि उपमुख्यमंत्री फडणवीस का कर्नाटक के सीमावर्ती मराठी भाषी इलाकों पर दावा करने वाला बयान भड़काऊ है। फडणवीस का सपना कभी पूरा नहीं हो पाएगा। कर्नाटक सरकार सीमावर्ती जिलों में कोई जगह नहीं छोड़ेगी। हमारी मांग महाराष्ट्र के सोलापुर और अक्कलकोट के कन्नड भाषी इलाकों को कर्नाटक में शामिल करने की है।
Created On :   25 Nov 2022 4:34 PM IST