अंतरजातीय विवाह करने वाले दंपति की संतान कर सकती है मां की जाति पर दावा

The child of a couple having an inter-caste marriage can claim the caste of the mother
अंतरजातीय विवाह करने वाले दंपति की संतान कर सकती है मां की जाति पर दावा
हाईकोर्ट का फैसला  अंतरजातीय विवाह करने वाले दंपति की संतान कर सकती है मां की जाति पर दावा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अंतरजातीय विवाह करनेवाले दंपति की संतान अपनी मां की जाति पाने का दावा कर सकती है। बांबे हाईकोर्ट ने विवाह के बाद तलाक लेकर अलग हो गए एक दंपत्ति की लड़की की ओर से दायर याचिका पर दिए गए आदेश में यह बात स्पष्ट की है। लड़की ने याचिका दायर कर मांग की थी कि उसे अपने मां कि जाति का दावा करने की अनुमति दी जाए। इससे पहले जाति पड़ताल कमेटी ने लड़की को जाति प्रमाण पत्र देने से मना कर दिया था।  न्यायमूर्ति एसबी सुक्रे व न्यायमूर्ति जीए सानप की खंडपीठ ने मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद पाया कि इस मामले में लड़की की मां अनुसूचित जाति की है और पति से तलाक होने के बाद बेटी को अकेले पाला है। याचिका के मुताबिक लड़की के माता-पिता ने 1993 में विवाह किया था।  लेकिन शादी के कुछ  सालों बाद दोनों में मतभेद शुरु हो गए। इसके बाद दोनों अलग हो गए। फिर वे कभी एक नहीं हुए। उस समय लड़की की उम्र महज सात साल थी। तब से अकेले लड़की की मां ने उसे पाला है। याचिका के अनुसार लड़की के पिता उसे न तो कभी अपने घर ले गए और न ही कभी उसकी देखरेख की।   खंडपीठ ने याचिका पर गौर करने के बाद पाया कि याचिकाकर्ता की मां महार अनुसूचित जाति की है। इसको लेकर उसके पास पर्याप्त सबूत है। लड़की का पालन पोषण अकेले मां ने किया है। लड़की के स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट में भी महार जाति का उल्लेख है। खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में भले ही लड़की के माता-पिता की दो सामाजिक स्थिति है लेकिन लड़की का पालन पोषण उसकी मां ने किया है। इसलिए वह अपनी मां का जाति का दावा करने का हक रखती है। इस तरह खंडपीठ ने कमेटी के फैसले को रद्द कर दिया। और जाति पड़ताल कमेटी को लड़की के दावे पर तीन महीने के भीतर फैसला लेने को कहा।
 

Created On :   26 March 2022 8:31 PM IST

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