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कागजी प्रक्रिया में फंसा कैंसर इंस्टीट्यूट का निर्माण कार्य

डिजिटल डेस्क ,नागपुर। सरकारी अस्पताल मेडिकल (शासकीय चिकित्सा महाविद्याल व अस्पताल) में कैंसर इंस्टीट्यूट शुरू करने का प्रयास पिछले 6 साल से किया जा रहा है, लेकिन उसे गति नहीं मिल रही है। छोटे-छोटे कारणों से मामला आगे नहीं बढ़ रहा है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस साल सितंबर में सारी कागजी प्रक्रिया पूरी कर योजना पर अमल करने को कहा है। मेडिकल ने अपनी तरफ से प्रक्रिया पूरी कर दी है, लेकिन स्थानीय प्रशासन की तरफ से दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी करने में विलंब हो रहा है। इमारत निर्माण की जिम्मेदारी नागपुर सुधार प्रन्यास को दी गई है। यहां न टेंडर निकाला जा रहा और न ही निधि उसे मिल रही है।
कोरोना के चलते रुका काम
दो साल तक तो कोरोना के कारण काम आगे नहीं बढ़ पाया। लॉकडाउन हटने के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव ने दखल लेते हुए संबंधितों को अपने-अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाने को कहा है। मेडिकल के टीबी वार्ड परिसर की जमीन का पेंच भी सुलझ गया है। मेडिकल के अधिष्ठाता डॉ. सुधीर गुप्ता ने इस दिशा में प्रयास कर जिलाधिकारी से एनओसी ले ली है। गेंद नासुप्र, मनपा के पाले में है।
ले ब्योरा, फिर निधि
नासुप्र ने स्वास्थ्य शिक्षा विभाग से मंजूर राशि 76.10 करोड़ रुपए में से 20 करोड़ रुपए की मांग की थी। बीच में कोरोना आने से इस पत्र पर ध्यान नहीं दिया गया। दो महीना पहले नासुप्र ने फिर से निधि की मांग की है। अब विभाग ने नया पेंच डाल दिया है। नासुप्र से कहा है कि वह पहले टेंडर आदि प्रक्रिया पूरी कर ब्योरा दे। पहले चरण में केवल 7 करोड़ रुपए ही दिए जानेवाले हैं।
यहां अटकी थी कागजी प्रक्रिया
नासुप्र की तरफ से इस इमारत के निर्माण का नक्शा मंजूरी के लिए मनपा को पेश किया गया, लेकिन मनपा ने नक्शा मंजूर नहीं किया। मनपा के नगर रचना विभाग ने यह कहकर नक्शा नामंजूर कर दिया कि जिलाधिकारी की एनओसी से काम नहीं चलेगा। उन्हें उस जमीन की आखिव पत्रिका की प्रति चाहिए, जिस पर मेडिकल के नाम पर जमीन हो। इस कारण मामला अटक गया। कुछ समय पहले ही मेडिकल, नासुप्र व जिल प्रशासन ने मनपा को बताया कि यह सरकारी योजना है। दस्तावेजों की प्रक्रिया में न उलझकर कार्य को गति दें।
Created On :   17 Dec 2021 3:48 PM IST