13 वर्षीय मासूम के साथ दुराचार करने वाले को दस साल की कैद

The court has given its verdict in the matter of misconduct with 13 years old innocent
13 वर्षीय मासूम के साथ दुराचार करने वाले को दस साल की कैद
13 वर्षीय मासूम के साथ दुराचार करने वाले को दस साल की कैद

डिजिटल डेस्क, छतरपुर। 13 साल की मासूम के साथ घर में घुसकर जबरन दुराचार करने के मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आरोपी को दस साल की कठोर कैद के साथ 6 हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई है। एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि 13 साल की पीडि़त ने मातगुवां थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई कि 5 मई 2016 को वह अपने घर पर अकेली सो रही थी। उसकी मां बाजर गई थी उसी समय रगौली गांव प्रकाश अहिरवार घर के अंदर आ गया और उसे जगाकर गिफ्ट में अंगूठी, पायल देने लगा। पीडि़त ने पायल बगैरह लेने से मना किया तब प्रकाश ने जबरन उसके साथ दुराचार किया। पीडि़त की मां लौटकर घर आई तब उसने घटना के बारे में अपनी मां को बताया। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी प्रकाश को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया। अभियोजन की ओर से अतिरिक्त डीपीओ प्रवेश अहिरवार ने पक्ष रखते हुए मामले के सभी सबूत कोर्ट में पेश किए और आरोपी को कठोर सजा देने की अपील की। विशेष न्यायाधीश नोरिन निगम की कोर्ट ने आरोपी आरोपी प्रकाश को दोषी करार देते हुए आईपीसी की धारा 376/2(झ) में दस साल की कठोर कैद के साथ 5 हजार रुपए जुर्माना और धारा 450 में तीन साल की कठोर कैद के साथ एक हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई।

माता-पिता, पत्नी सहित 4 को कठोर कैद की सजा
 महिला की मारपीट करने के एक मामले में कोर्ट ने फैसला दिया है। जेएमएफसी प्रियंक भारद्वाज की अदालत ने चार आरोपियों को तीन-तीन माह की कठोर के साथ 6 हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई है। एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि 17 मई 2016 को अमापुरवा गांव में रहने वाली फरियादी राजाबाई ने चंद्रनगर चौैकी में रिपोर्ट दर्ज कराई कि सुबह 9 बजे करीब वह अपने घर के बाहर झाडू लगा रही थी। तभी गांव का मुकेश साहू वहां आ गया। राजाबाई ने मुकेश से कहा कि उसने कल बच्चों के विवाद में उसके लड़के देवेंद्र को क्यों पिटवाया था। इसी बात पर से मुकेश ने राजाबाई की डंडे से मारपीट करना शुरु कर दिया। मौके पर मुकेश का भाई अरविंद्र, पिता बालादीन और पत्नी लीलाबाई आ गई। जिन्होने मारपीट करना शुरु कर दिया। मारपीट से राजाबाई, उसकी पुत्री मिथलेश और सोना घायल हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर कोर्ट में पेश किया। अभियोजन की ओर से एडीपीओ कैलाश नारायण परिहार ने पैरवी करते हुऐ पक्ष रखा। न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी प्रियंक भारद्वाज की कोर्ट ने चारों आरोपियों को आईपीसी की धारा 323/34 में दोषी ठहराते हुए 3-3 माह की कठोर कैद (तीन काउंट में) के साथ 15-5 सौ रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई।

 

Created On :   21 Dec 2018 1:37 PM IST

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