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फर्ज से सुरक्षित रहेंगी बेटियां, महिलाओं के खिलाफ अपराध कम नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। चंद्रकांत चावरे। नागपुर में भी दामिनी पथक के माध्यम से लड़कियों की सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है। छेड़खानी करने वाले मजनुओं को हवालात की राह दिखायी जा रही है, लेकिन इन तमाम उपाय योजनाओं के बावजूद लड़कियों के प्रति अपराध कम होने का नाम नहीं ले रहा है। हर रोज छेड़छाड़ और दुष्कर्म की खबरें पढ़ने और सुनने काे मिलती हैं। सुनसान इलाकों से लड़कियों का अकेले गुजरना आसान नहीं है। तमाम हालातों को देखते हुए नागपुर महानगर पालिका ने लड़कियों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाने के लिए एक पहल की है।
परिवहन विभाग ने आपली बस के जरिए अकेली लड़की को उसके घर तक छोड़ने की नई राह तैयार की है। यदि रात में किसी बस स्टैंड पर अकेली लड़की या महिला बस का इंतजार कर रही है तो उसे घर तक पहुंचाने का काम आपली बस करेगी। इसके प्रचार-प्रसार के लिए युवाओं की एक टीम ने ‘फर्ज’ नामक एक शॉर्ट फिल्म तैयार की है। यह फिल्म नागपुर समेत देशभर के सार्वजनिक स्थानों और सोशल मीडिया पर प्रदर्शित की जाएगी।
ऐसे आया ख्याल
नागपुर महानगर पालिका के परिवहन विभाग के सभापति बंटी कुकड़े के पास कुछ युवा आए थे। उन्होंने सभापति को बताया कि वे शॉर्ट फिल्म बनाते हैं। सभापति ने उनसे चर्चा की। पूछा कि परिवहन विभाग उनकी क्या मदद कर सकता है। पहली औपचारिक बैठक के दौरान फिल्ममेकर टीम ने बताया कि वे आपली बस पर एक फिल्म बनाना चाहते हैं। विषय था कि किस तरह बसों का समय खत्म होने के बाद भी आपली बस लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने का काम करती है। खास कर लड़कियों और महिलाओं की मदद का विषय था। इस पर एक शॉर्ट फिल्म बनाने का प्रस्ताव फिल्ममेकर टीम रुकमाई एंटरटेनमेंट प्रोडक्शन प्रा. लिमिटेड के मुख्य प्रभारी निखिल शिरभाते ने परिवहन विभाग को दिया। फिल्म की स्टाेरी समझने के बाद परिवहन विभाग के सभापति बंटी कुकड़े और विभाग के व्यवस्थापक शिवाजी जगताप ने इस पर विचार किया। अंतत: आपली बस पर फिल्म बनाने की स्वीकृति दी गई। पिछले सप्ताह शहर के कुछ स्थानों पर रात को इस फिल्म की शूटिंग हुई।
मनपा ने दी थी ‘आपली बस’
नागपुर महानगर पालिका के परिवहन विभाग ने फिल्ममेकर टीम को एक आपली बस उपलब्ध करा दी थी। इसमें कंडक्टर और ड्राइवर भी थे। रात में ड्यूटी समय समाप्ति के बाद शूटिंग शुरू हुई थी। सूत्रों के अनुसार मनपा की ओर से फिल्म निर्माण के लिए आर्थिक मदद नहीं की गई। इसके निर्माण के लिए आवश्यक संसाधनों का जुगाड़ फिल्ममेकर टीम ने ही किया था। निखिल शिरभाते ने बताया कि एक ही रात में पूरी शूटिंग कर ली गई थी। अब इस फिल्म की डबिंग, एडिटिंग व अन्य तकनीकी काम किये जा रहे हैं।
पुलिस विभाग ने किया सहयोग
नागपुर में किसी भी क्षेत्र में फिल्म की शूटिंग करने के लिए पुलिस विभाग की अनुमति लेना जरूरी है। फिल्ममेकर्स ने ऐसी कोई अनुमति नहीं ली थी। शूटिंग की शुरुआत जीपीओ चौक पर की गई। रात का समय था। पुलिस की गश्ती टीम जब वहां से गुजरी तो उन्होंने पूछताछ की। तब अनुमति नहीं होने के कारण कुछ देर तक शूटिंग रोकी गई। इसके बाद संबंधित क्षेत्र के परिमंडल उपायुक्त से चर्चा की गई। उन्हें विषय से लेकर सारी बातें समझाने के बाद मौखिक अनुमति मिली। साथ ही पुलिस विभाग की ओर से सुरक्षा प्रदान की गई। इस तरह पुलिस विभाग ने एक अच्छे काम के लिए सहयोग किया।
Created On :   10 Jun 2018 3:18 PM IST