वाइन और शराब में हैं जमीन आसमान का अंतरः अजित पवार

The difference between wine and liquor is sky-high: Ajit Pawar
वाइन और शराब में हैं जमीन आसमान का अंतरः अजित पवार
उपमुख्यमंत्री ने बताई वाइन की परिभाषा वाइन और शराब में हैं जमीन आसमान का अंतरः अजित पवार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य की आघाडी सरकार की तरफ से सुपर स्टोर व बड़े किराना स्टोर में वाइन बेचने की अनुमति दिए जाने के बाद से विपक्ष इस फैसले को लेकर आक्रामक है। विपक्ष की आलोचना करते हुए उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने राज्य सरकार के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि वाइन और शराब में जमीन आसमान का फर्क है। शनिवार को पुणे में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अजित ने कहा कि वाइन को लेकर भ्रम पैदा किया जा रहा है। 

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष अनायास इस फैसले की आलोचना करते हुए महाराष्ट्र को मद्यराष्ट्र बता रहा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में सरकार ने शराब की होम डिलीवरी का फैसला लिया है। अजित ने कहा कि राज्य में किसान कई तरह के फल पैदा करते हैं। अंगुर से वाईन बनाया जाता है। हमारे राज्य में वाईन पीने वालों की संख्या बहुत कम है। महाराष्ट्र में जितना वाई तैयार होता है, उतनी खपत नहीं होती। इसे दूसरे राज्यों और विदेशों को भेजा जाता है। उन्होंने कहा कि कई देशों में पानी की जगह वाईन पीया जाता है। 

सरकार को बदनाम करने की कोशिश
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हम ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे लोगों का नुकसान हो। हमनें शराब नहीं बल्कि वाईन को सुपर स्टोर में बेचने की अनुमति दी है। लेकिन कुछ लोग वीडियो क्लिप तैयार कर सरकार को बदनाम कर रहे हैं। लोगों को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं। इसके पहले शुक्रवार को शिवसेना सांसद व प्रवक्ता संजय राऊत ने कहा था की वाईन शराब नहीं है। 

विपक्ष को पता है शराब व वाईन का फर्कः शिवसेना
दूसरी ओर शिवसेना के मुख पत्र सामना में प्रकाशित संपादकिय में यह कहते हुए विपक्ष की आलोचना की गई है कि विपक्ष को शराब और वाइन का फर्क अच्छी तरह मालूम है। इसके बावजूद सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। 
 
मुंबई पुलिस से पूछा वाइन पीकर गाडी चलाए तो.....
शिवसेना सांसद व प्रवक्ता संजय राऊत और उपमुख्यमंत्री अजित पवार द्वारा वाईन को शराब की श्रेणी में न मानने के बयान के बाद लोग सोशल मीडिया पर मुंबई पुलिस से सवाल कर रहे हैं कि क्या वाईन पीकर वाहन चलाने को ड्रंकन ड्राईव का अपराध नहीं माना जाएगा? शिवम वाहिया नामके ट्विटर यूजर ने संजय राऊतके बयान को रिट्विट करते हुए मुंबई पुलिस से ट्विट कर पूछा कि ‘यदि वाईन शराब नहीं है तो क्या मुझे वाईन पीकर कार चलाने पर गिरफ्तार किया जाएगा या नचदीक के बार में ले जाएंगे? इसके जवाब में मुंबई पुलिस ने उन्हें ऐसी कोई हरकत न करने की चेतावनी देते हुए कहा कि ‘अगर ब्रेथलाईजर ने आप द्वारा पीए गए वाईन में अल्कोहल डिटेक्ट किया तो आप हमारे मेहमान बन जाएंगे।’ भाजपा नेता मोहित कंबोज ने भी राऊत के दावे पर सवाल करते हुए कहा कि आज शनिवार का दिन है यदि लोग वाईन पीकर सड़कों पर वाहन चलाए तो क्या मुंबई पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी?
 
अल्कोहल युक्त होता है वाइन
वाइन को लेकर राज्य की महा आघाडी सरकार के नेताओं की बयानबाजी के बाद इसके शराब होने न होने को लेकर बहस छिड़ गई है। पर वाइन में बीयर से ज्यादा अल्कोहल होता है। भारत के लाऊसेंसिंग नियमों के अनुसार शराब में अधिकतम 45.5 प्रतिशत अल्कोहल हो सकता है। इसमें वाईन में 12 फीसदी और बीयर में 4 से 8 प्रतिशत तक अल्कोहल की इजाजत है। भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएएएआई) को इस पर नजर रखने का अधिकार दिया गया है। 

सरकार के लिए कमाई का बड़ा जरिया है शराब 
शराब से राज्य सरकार को मिलने वाले राजस्व में लगातार बढ़ोतरी हुई है। विधानमंडल के शीतकालिन सत्र में पेश कैग की रिपोर्ट के मुताबिक पांच वर्षों में शराब से मिलने वाले राजस्व में 2 हजार 958 करोड़ 78 लाख की वृद्धि हुई है। वर्ष 2015-16 में राज्य उत्पाद शुल्क विभाग से 12469.56 करोड़ राजस्व मिला था जो 2019-20 में बढ़ कर 15428.34 करोड़ हो गया।

शराब की बिक्री से ऐसे बढ़ा राजस्व  
2015-16     12469.56 करोड़
2016-17     12287.91 करोड़
2017-18    13449.65 करोड़
2018-19     15320.90 करोड़
2019-20     15428.34 करोड़   

Created On :   29 Jan 2022 1:03 PM GMT

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