शिक्षा जगत को दी दानदाताओं ने करोड़ों की सम्पत्ति, धरोहरों पर संकट

The donors given crores property to education world in india
शिक्षा जगत को दी दानदाताओं ने करोड़ों की सम्पत्ति, धरोहरों पर संकट
शिक्षा जगत को दी दानदाताओं ने करोड़ों की सम्पत्ति, धरोहरों पर संकट

डिजिटल डेस्क कटनी । जब शहर में कोई प्राइवेट स्कूल नहीं था तब शहर के दानवीरों ने शिक्षा को बढ़ावा देने करोड़ों की सम्पत्ति दान कर दी थी ताकि नगर की भावी पीढ़ी शिक्षा से वंचित नहीं रहे। जिन स्कूलों ने शहर को पहचान दी और शहर की प्रतिभाओं को राष्ट्रीय क्षितिज तक पहुंचाया उन धरोहरों पर ही संकट आ गया है। शहर के सबसे प्राचीन स्कूलों में शामिल तीन शालाओंं के संचालन से नगर निगम ने हाथ खींच लिए है। यदि शिक्षा विभाग ने नगर निगम के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया तभी इन स्कूलों का अस्तित्व बच सकता है। इसी बीच प्राचीन स्कूलों को समाप्त कर व्यवसायिक परिसर बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। साधूराम उच्चतर माध्यमिक स्कूल, केसीएस उमा विद्यालय एवं ए.वेंकटराव विद्यालय कभी शहर की शान हुआ करते थे। इन विद्यालयों में पढऩे वाले छात्र देश ही नहीं विदेशों सफलता के परचम लहरा रहे हैं। इनका संचालन वर्तमान में नगर निगम द्वारा किया जा रहा है। यहां पदस्थ शिक्षकीय स्टाफ धीरे-धीरे घटता गया और अब गिनती के शिक्षक की बचे हैं।
700 से अधिक विद्यार्थी प्रभावित-
तीनों स्कूलों का संचालन बंद होने से सात सौ से अधिक विद्यार्थी प्रभावित होंगे। जानकारी के अनुसार कस्तूरचंद सोनी (केसीएस) उमावि में 422, साधूराम हायर सेकेंड्री स्कूल में 166 एवं ए.रवीन्द्रराव उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में 112 छात्र अध्ययनरत हैं। इन छात्रों के अध्यापन के लिए साधुराम उमावि में 6, केसीएस उमावि में 6 एवं ए.रवीन्द्रराव उमावि में प्राचार्य सहित चार शिक्षक पदस्थ हैं। शिक्षकों की कमी की पूर्ति के लिए शासन ने भले ही अतिथी शिक्षकों की सेवाएं लेने के निर्देश दिए हैं पर नगर निगम ने बजट की कमी बताकर अतिथि शिक्षकों की भर्ती भी नहीं की।
तीन साल पहले निगम ने पारित किया प्रस्ताव-
नगर निगम ने तीन साल पहले साधूराम उच्चतर माध्यमिक स्कूल, केसीएस उमा विद्यालय एवं ए.वेंकटराव विद्यालयों को शिक्षा विभाग को सौंपने का प्रस्ताव एमआईसी में पारित किया था। नगर निगम ने विधानसभा में एक प्रश्न के दिए गए जवाब में जानकारी दी कि वर्तमान में तीनों विद्यालयों में विषय विशेषज्ञों की भारी कमी होने से मेयर इन काउंसिल की बैठक में दिनांक 11/09/2015 में लिए गए निर्णय के अनुसार तीनों विद्यालयों को मप्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग को शाला संचालित करने का निर्णय लिया गया है। इसी क्रम में नगर पालिक निगम कटनी द्वारा संचालित तीन उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों को छात्र-छात्राओं हितार्थ मप्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग को हस्तांतरित करने की स्वीकृति प्रदान करने हेतु  नगरपालिक निगम कटनी द्वारा पत्र क्रमांक 616 ए/मु.स्था./15 कटनी दिनांक 03/10/2015 एवं पृष्ठांक 113 ए/ मु.स्था./16 कटनी दिनांक 14/1/2016 द्वारा आयुक्त नगरीय प्रशासन मप्र शासन भोपाल को मार्गदर्शन हेतु प्रेषित किए गए हैं।
निगग ने स्वीकारी शिक्षकों की कमी-
नगर निगम ने अपने पत्र में स्पष्ट रूप से शिक्षकों की कमी स्वीकार की है। निगम के जवाब में लेख किया गया है कि तीनों विद्यालयों में विषय विशेषज्ञों की कमी है। प्राचार्य, व्याख्याता, उच्च श्रेणी शिक्षक, व्यायाम शिक्षक, गणक, प्रयोगशाला सहायक, क्राफ्ट शिक्षक, लेबोटरी असिस्टेंट, प्रशिक्षक की कमी है। इन शिक्षकों के खाली पदों के विरुद्ध अतिथि शिक्षकों की भी भर्ती नहीं की जा रही है। जिससे अध्यापन कार्य प्रभावित हो रहा है। इन स्कूलों में ज्यादातर गरीब परिवारों के बच्चे ही अध्ययन करते हैं।
इनका कहना है-
तीनों स्कूलों का संचालन शिक्षा विभाग को सौंपने का निर्णय एमआईसी की बैठक में 2015 में पारित किया गया था। चंूकि नगर निगग में शिक्षकों की भर्ती पर शासन ने रोक लगाई है इसलिए अतिथि शिक्षक भी नहीं रख सकते हैं। इस संबंध में प्रदेश के शिक्षा मंत्री से भी चर्चा हुई है। इन विद्यालयों का मेंटेनेंस नगर निगम पूर्व की तरह ही करेगा और इनके स्वरूप में किसी भी तरह का परिवर्तन नहीं किया जाएगा।
शशांक श्रीवास्तव महापौर नगर निगम

 

Created On :   24 Feb 2018 4:39 PM IST

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