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सोशल मीडिया पर ब्लू टिक पाने का उत्साह पड़ सकता है भारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सोशल मीडिया पर फेसबुक, इंस्टा, ट्विटर अकाउंट को ब्लू टिक मिलना यूजर्स के लिए सम्मान माना जाता है। फेसबुक या इंस्टा के फॉलोअर्स लगातार समाजहित में पोस्ट, लेखन आदि करने वाले यूजर्स इसके लिए पात्र ठहरते हैं। लेकिन ब्लू टिक दिलाने के लिए सोशल मीडिया पर दलाल भी सक्रिय हैं। उनकी मदद से ब्लू टिक पाने की बात फेसबुक, इंस्टा की तकनीकी टीम को पता लगने पर स्थायी रूप से ब्लॉक होने का भय बना रहता है। आर्थिक नुकसान भी हो सकता है।
सोशल मीडिया विश्लेषक अजित पारसे ने बताया कि प्रत्येक वर्ग का व्यक्ति किसी भी जानकारी और मनोरंजन के लिए फेसबुक, इंस्टा पर निर्भर हो गया है। इसमें व्यावसायिक, राजनीतिक नेता और प्रोफेशनल यूजर भी शामिल है। अब फेसबुक द्वारा दी गई ‘ब्लू टिक’ पर जोर है। यह ब्लू टिक प्राप्त कराना सोशल मीडिया यूजर के लिए सम्मान माना जाता है। ब्लू टिक पाने के लिए फेसबुक की नियमानुसार नियमित अच्छे, समाजहित में पोस्ट, लेखन में निरंतरता, बड़े पैमाने पर फालोअर्स, उनके मिलने वाला प्रतिसाद आदि यूजर ब्लू टिक के लिए पात्र ठहरते हैं। किन्तु हाल में ब्लू टिक दिलाने के लिए सोशल मीडिया पर दलाल सक्रिय हो गए हैं। यह दलाल कम समय में ब्लू टिक पाने का प्रयास करने वाले यूजर्स 30 हजार से 1 लाख तक रकम लेने की जानकारी सामने आई है।
देश भर में ऑनलाइन इंग्लिश पोर्टल पर लेखन प्रकाशित करने का प्रलोभन देकर दलाल यूजर्स को लॉगिंग, पासवर्ड भी मांगते हैं। विकिपीडिया की जानकारी, ई-मेल मांगने के बाद काम की रकम एडवांस में मांगते हैं। पात्र नहीं होने के बावजूद ब्लू टिक पाने वालों के साथ इसमें बड़ा धोखा होने का खतरा है। पारसे ने कहा कि ब्लू टिक पाने के लिए यूजर्स के लिए सोशल मीडिया पर प्रसिद्धि पाना, ऑनलाइन जनसंपर्क बढ़ाना आसान पद्धति है। फेसबुक का फार्म ऑनलाइन भरकर देना पड़ता है। धार्मिक, अतिवादी विषयों की पोस्ट प्रोफाइल में होने पर ब्लू टिक नहीं मिलता है। वह प्राप्त करने के लिए कोई भी कंपनी ऑफर नहीं देती है। मैसेज नहीं करती। जिसकारण यूजर्स को दलाल के झांसे में आकर अपनी प्रतिष्ठा गंवाना नहीं चाहिए।
Created On :   23 Oct 2021 5:03 PM IST