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तोता पालने पर भरना पड़ सकता है 25 हजार जुर्माना

डिजिटल डेस्क, नागपुर। घर में तोता पालने के शौकीनों की कमी नहीं है। लेकिन याद रहे घर में तोता पाला है, तो कार्रवाई के दौरान 25 हजार रुपये तक जुर्माना भरने के लिए तैयार रहना होगा। वन्यजीव कानून अंतर्गत तोता प्रतिबंधित पक्षियों की सूची में आता है। बावजूद इसके शहर में कई लोग इसे घर में पिंजरे में कैद कर रखते हैं। लेकिन अब ऐसा करना महंगा पड़ सकता है। हाल ही में वन्यजीव प्रेमियों की ओर से इस दिशा में कदम उठाते हुए वन विभाग को शहर में कार्रवाई करने के लिए तैयार किया जा रहा है।
अपनी बोली और देखने में काफी आकर्षित पक्षियों में शामिल तोता शहर के कई घरों में पिंजरे में कैद है। जिसे कई लोग शौकिया तौर पर रखते हैं, तो किसी ने मजबूरी के कारण उसे रखा है। बहुतांश लोगों को इस बात की भनक तक नहीं है, कि तोता पालना नियमों के बाहर है। ऐसे में कभी-भी इन लोगों को 25 हजार रुपए का फटका लग सकता है। शहर की कुछ वन्यजीव संस्थाएं इस दिशा में काम कर रही हैं। वह वन विभाग को तोते पालनेवालों पर कार्रवाई के संबंध में ज्ञापन सौपने की तैयारी में है। ऐसे में वन विभाग द्वारा कार्रवाई की संभावना बनी है। हालांकि अभी तक वन विभाग की ओर से सड़कों पर तोते बेचनेवालों पर कार्रवाई की गई है। लेकिन जल्दी घर में तोता पालने के शौकीनों पर भी यह कार्रवाई हो सकती है।
क्यों है, जरूरत
जानकारों की मानें तो इन दिनों तोते बेचना एक व्यवसाय का रूप ले रहा है। ग्रामीण व झुग्गी झोपड़पट्टी क्षेत्र में जनजागृति की कमी के कारण लोग तोता खरीदते हैं। ऐसे में कुछ गिरोह भी सक्रिय है। जो जंगली क्षेत्र में जाकर तोते पकड़ते हैं। जितने पकड़ में आये उतने तोते एक साथ विक्रेता को बेचते हैं। विक्रेता फिर इन्हें गली-गली घूमकर बेचते हैं। हालांकि इनका कोई एक ठीकाना नहीं होता है। इन पर कार्रवाई के लिए सतर्क नागरिकों की जरूरत होती है। लेकिन हर कोई सतर्कतापूर्ण तरीके से वन विभाग को सूचित नहीं करता है। ऐसे में वन विभाग को तोता पालनेवालों पर ही कार्रवाई की जरूरत सामने आ रही है।
जल्दी वन विभाग को सौपेंगे ज्ञापन
वाइल्ड लाइफ ऑरगनाइजेशन रेस्क्यू रिहैबीटेशन ऑफ क्रीएचर के सदस्य स्वप्नील बोधाने ने बताया कि शहर में नियमों को ताक पर रखते हुए कई लोग पिंजरे में तोते कैद रखते हैं। जो नियमों के खिलाफ है। ऐसे में अध्यक्ष मुकुंद जोशी के नेतृत्व में वन विभाग को ज्ञापन सौपा जाएगा। जिसमें तोता पालनेवालों को कुछ अवधि के अंतराल किसी प्राणी संग्रहालय में छोड़ने के लिए कहा जाएगा या उन्हें आजाद करने के लिए कहा जाएगा। दी गई अवधि के अंतर्गत यदि तोते को आजाद नहीं किया गया तो उन पर कार्रवाई की मांग की जाएगी।
Created On :   23 Oct 2018 3:46 PM IST