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भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले के आरोपियों का रुख हाईकोर्ट को नहीं लग रहा सही

डिजिटल डेस्क डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने भीमा-कोरेगांव के एल्गार परिषद मामले के आरोपियों को दूसरे जेल में भेजने की शिकायत पर सवाल उठाया है। हाईकोर्ट ने कहा कि अभी मामले के आरोपी नई मुंबई की तलोजा जेल में सुविधाओं को लेकर शिकायत कर रहे थे। लेकिन अब आरोपी विशेष अदालत की ओर से उन्हें दूसरे जेल में भेजने के आदेश का विरोध कर रहे हैं। न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति एन जे जमादार की खंडपीठ ने कहा कि उन्हें आरोपियों का यह रुख विरोधाभासी लग रहा है।
खंडपीठ के सामने इस मामले में आरोपी आनंद तेलतुंबडे, सुरेंद्र गड़लिंग, सुधार धवले, महेश राऊत सहित दस आरोपियों के परिजनों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में आरोपियों ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत की ओर से जारी किए गए उस आदेश का विरोध किया है जिसके तहत कोर्ट ने तलोजा जेल प्रशासन के उस आग्रह को मंजूरी प्रदान की है। जिसमें आरोपियों को राज्य के अन्य जेलों में भेजने का निवेदन किया गया था। याचिका में आरोपियों ने कहा है कि वे विधाराधीन कैदी को मिले अधिकारों की मांग करते हैं। इसलिए उन्हें दंडित किया जा रहा है। कोर्ट ने आदेश जारी करते समय नियमों का पालन नहीं किया है।
आरोपियों के वकीलों के पक्ष को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि पहले आरोपियों ने तलोजा जेल में भीड़भाड होने का आरोप लगाया था। इसके साथ ही कहा था कि जेल प्रशासन उन्हें सुविधाएं नहीं प्रदान कर रहा है। अभी आरोपी तलोजा जेल प्रशासन के खिलाफ शिकायत कर रहे थे। अब जब आरोपियों को दूसरे जेल में भेजने का आदेश हुआ है तो इसका विरोध किया जा रहा है। यह काफी भ्रमित करनेवाली स्थिति है। खंडपीठ ने अब इस याचिका पर 11 अगस्त 2021 को सुनवाई रखी है लेकिन निचली अदालत के आदेश पर तब तक रोक लगाने से इंकार कर दिया।
Created On :   6 Aug 2021 7:33 PM IST