हाईकोर्ट ने कहा- परियोजना प्रभावित एक स्वतंत्र श्रेणी

The High Court said - an independent category affected the project
हाईकोर्ट ने कहा- परियोजना प्रभावित एक स्वतंत्र श्रेणी
हाईकोर्ट ने कहा- परियोजना प्रभावित एक स्वतंत्र श्रेणी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। परियोजना प्रभावित अपने आप में एक स्वतंत्र श्रेणी है, इसका आर्थिक आधार पर और वर्गीकरण नहीं किया जा सकता। सड़क चौड़ाईकरण के चलते परियोजना प्रभावितों की ओर से दायर याचिका को विचारार्थ मंजूर करते हुए बांबे हाईकोर्ट ने यह बात कही है।दरअसल महानगर के ठाणे इलाके में सड़क चौड़ीकरण परियोजना के प्रभावितों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

याचिका में परियोजना प्रभावितों ने दावा किया है कि वे निम्न आय वर्ग से आते हैं। 26 अगस्त 2009 को सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक पुनर्वसन के रूप में उन्हें 45 वर्ग मीटर का घर मिलना चाहिए, लेकिन ठाणे महानगर पालिका उन्हें छोटा घर दे रही है। न्यायमूर्ति अकिल कुरैशी व न्यायमूर्ति एसजेकाथावाल की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। 

इस दौरान ठाणे मनपा की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने दावा किया कि विकास नियंत्रण नियमावली में साल 2014 में किए गए संसोधन के तहत परियोजना प्रभावित याचिकाकर्ता 269 वर्गफीट के मकान के हकदार हैं, लेकिन ठाणे महानगर पालिका उन्हें इससे अधिक 305 वर्गफीट का मकान दे रही है। पुनर्वसन के लिए तैयार किए गए मकान बनकर तैयार हो गए हैं।

कब्जा प्रमाण-पत्र (ओसी) मिलने के बाद ट्रांजिट कैम्प में रह रहे लोगों को नए घर आवंटित कर दिए जाएंगे।  मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि याचिका पर विस्तार से सुनवाई की जरूरत है, इसलिए हम इसे विचारार्थ मंजूर करते हैं। सरकार की ओर से 2009 में जारी अधिसूचना के मद्देनजर प्रथम दृष्टया परियोजना प्रभावित अपने आप में एक स्वतंत्र श्रेणी हैं, आर्थिक  स्थिति के आधार पर ऐसे लोगों को निम्न व मध्यम आयवर्ग के आधार पर और विभाजित नहीं किया जा सकता है।

खंडपीठ ने कहा कि यदि भविष्य में परियोजना प्रभावितों के ज्यादा क्षेत्रफल वाले घर के दावे को सही पाया जाता है तो इस संबंध में बाद में भी आदेश जारी किया जा सकता है। फिलहाल सारे प्रोजेक्ट को रोकना ठीक नहीं है इससे कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा, क्योंकि मकान बनकर तैयार हैं। यह बात कहते हुए खंडपीठ ने याचिका को विचारार्थ मंजूर कर लिया। इसके साथ ही कहा कि यदि ओसी मिलने के बाद परियोजना प्रभावितों को घर दिए जाते हैं तो वे ट्रांजिट कैम्प को छोड़ कर नए घर लेने के लिए स्वतंत्र हैं। 

Created On :   19 Oct 2019 1:50 PM GMT

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