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हाईकोर्ट में उठेगा अवनि बाघिन की हत्या का मुद्दा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वर्ष 2018 के बहुचर्चित अवनि बाघिन टी-1 को गोली मारने का मुद्दा एक बार फिर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में गूंजेगा। बुधवार को न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे और न्या.अनिल किल्लोर की खंडपीठ ने वन्यजीव प्रेमी संगीता डोगरा की उस अर्जी को स्वीकार किया है, जिसमें अर्जदार ने अवनि की समाप्ति के दौरान तय प्रोटोकॉल के उल्लंघन का आरोप लगाया है। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता डॉ.जैरिल बनाईत की जनहित याचिका में डोगरा को बतौर मध्यस्थी अर्जदार जुड़ने को अनुमति दी है। हाईकोर्ट ने इस मामले में वन विभाग, राज्य और केंद्र सरकार को चार सप्ताह में उत्तर प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017-18 में यवतमाल के पांढरकवड़ा में कथित रूप से अवनि बाघिन ने 13 का शिकार किया था। वन विभाग द्वारा उसे पकड़कर कैद करने की कई कोशिशें विफल हुईं। इसके बाद वन विभाग ने उसे गोली मारने का आदेश जारी किया था। उस वक्त वन्यजीव प्रेमियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके वन विभाग के इस आदेश को चुनौती दी थी। लेकिन तब नागपुर खंडपीठ ने सितंबर 2018 को बाघिन को पकड़ने की सारी कोशिश नाकाम होने के बाद पूरे प्रोटोकॉल के पालन के साथ बाघिन को गोली मारने की अनुमति दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने भी नागपुर खंडपीठ के आदेश को कायम रखा था। इसके बाद 2 नवंबर 2018 को अवनि बाघिन को गोली मार दी गई थी। वन्यजीव प्रेमी डोगरा ने बुधवार को कोर्ट में मुद्दा उठाया कि वन विभाग ने बाघिन को गोली मारने की प्रक्रिया में प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाई। यह तक नहीं सुनिश्चित किया गया कि अवनि बाघिन वाकई आदमखोर थी या नहीं। इस आरोप पर हाईकोर्ट ने सुनवाई शुरू करने का फैसला लिया है। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड.तुषार मंडलेकर और वन विभाग की ओर से एड.कार्तिक शुकुल ने पक्ष रखा।
Created On :   15 July 2021 9:55 AM IST