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मेट्रो ट्रेन की फाइनल टेस्टिंग : यात्रियों की जगह होंगी वजनदार बोरियां, 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी मेट्रो

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मेट्रो ट्रेन की अंतिम चरण की टेस्टिंग 30 सितंबर को होने जा रही है। इस दौरान हाउसफुल स्थिति में 90 की रफ्तार से मेट्रो सही तरीके से दौड़ पायेगी या नहीं इसकी जांच की जाएगी। ऐसे में करीब 900 बोरियों को तीनों बोगियों में भरकर गाड़ी को 90 की रफ्तार पर खापरी से एअरपोर्ट साउथ के बीच दौड़ाया जानेवाला है। इस मौके पर रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन के अधिकारी व मेट्रो के महा निदेशक बृजेश कुमार दीक्षित प्रमुखता से उपस्थित रहेंगे। यह इस रूट की अंतिम परीक्षा रहेगी। इसके बाद सीआरएस ( कमिश्नर ऑफ रेल सेफ्टी) की टीम जांच कर रूट को हरी झंडी दिखाएगी।
चारों दिशाओँ में 38 कि.मी की पटरी
उल्लेखनीय है कि पूरे शहर में तेजी से मेट्रो का विकास हो रहा है। शहर के बीचों-बीच मुख्य स्टेशन बनते हुए चारों दिशा में मेट्रो की 38 किलोमीटर की पटरी बनाई जा रही है। जिसमें काफी हद तक मेट्रो मार्ग सड़क के बीचों-बीच 25 फीट उंचाई पर बन रहे है। मेट्रो का किराया भी कम रहने से आनेवाले समय में मेट्रो हर किसी के लिए जरूरी साबित होनेवाली है। लेकिन भागदौड़ भरी जिंदगी का अहम हिस्सा बनने के लिए इसमें तेजी की जरूरत है। ऐसे में 90 किमी तक गाड़ी को चलाना जरूरी है। फिलहाल टेस्टिंग में मेट्रो को 25 किमी तक चलने की अनुमति सीआरएस ने दी है। ऐसे में इसे 90 की रफ्तार पर चलाने की कवायदें शुरू हो गई थी। इसके लिए मेट्रो मार्ग को उसी तरह बनाया जा रहा है। गत 15 दिनों से लगातार पटरियों में सुधार किया गया है। सिग्नलिंग से लेकर सारी चीजों को फीट किया गया है। अधिकारियों की माने तो मेट्रो पूरी तरह से 90 की रफ्तार पर यात्रियों को लेकर दौड़ने के लिए तैयार है। लेकिन अभी इसकी परीक्षा बाकी है।
50-50 किलो तक होंगी बोरियां
रविवार को इस परीक्षा से मेट्रो प्रशासन को गुजरना है। हालांकि इतने यात्रियों को गाड़ी में बैठाकर टेस्टिंग नियम में नहीं आता। ऐसे में यात्रियों की जगह वजनदार बोरियां बनाई गई है। सूत्रों की माने तो कुल 900 बोरियां ऐसी तैयार की गई है। जिसे तीन कोच में भरा जाएगा। यह बोरियां 50 किलो तक रह सकती है। रविवार की सुबह महा निदेशक की उपस्थिति में एअरपोर्ट साउथ से खापरी स्टेशन तक मेट्रो चलाई जाएगी। इस वक्त आरडीएसओ की टीम भी रहेगी। जो गाड़ी की नब्ज टटोलेगी। सफलतापूर्ण तरीके से यदि मेट्रो सफर कर पाई तो इसे 90 की रफ्तार से दौड़ने की अनुमति मिल जाएगी। इसके बाद केवल सीआरएस की टीम इसका निरीक्षण करते हुए अंतिम सहमति देगी। फिलहाल आरडीएसओ ने खापरी डिपो, साउथ एअरपोर्ट, एअरपोर्ट साउथ आदि स्टेशनों की जांच करते हुए मेट्रो के काम पर संतोष जताया है। ऐसे में मेट्रो 90 की टेस्टिंग सफलतापूर्ण होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता।
Created On :   29 Sep 2018 8:25 AM GMT