शहीद राजेश साहू के परिजन को केवल आश्वासन देकर भूल गए नेता

The leaders forgot by giving only assurance to the family of martyr Rajesh Shahu
शहीद राजेश साहू के परिजन को केवल आश्वासन देकर भूल गए नेता
शहीद राजेश साहू के परिजन को केवल आश्वासन देकर भूल गए नेता

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भारतीय सेना का ऑपरेशन विजय सफल रहा।  26 जुलाई 1999 को पाकिस्तानी सेना को खदेड़कर भारतीय जांबाजों ने करगिल पर जीत हासिल की। यह दिन हर साल करगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। 26 जुलाई 2003 को भी पूरा देश करगिल विजय दिवस मना रहा था। वहीं करगिल में ही शहीद संतरानगरी के एक लाल को इसी दिन अंतिम विदाई दी जा रही थी। सीमा सुरक्षा बल के जवान राजेश साहू आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए थे। 

आश्वासन पूरा नहीं : राजेश की शहादत के बाद कुछ दिनों तक शोक संवेदना व्यक्त करनेवालों का तांता लगता रहा। मुकेश ने बताया कि केंद्र सरकार ने नियमानुसार राजेश के परिजनों को आर्थिक लाभ दिए थे। राजेश के घर तत्कालीन केंद्रीय मंत्री विलास मुत्तेमवार, तत्कालीन पालकमंत्री सतीश चतुर्वेदी, तत्कालीन महापौर विकास ठाकरे आदि ने भेंट दी थी। पालकमंत्री ने मुकेश को सरकारी नौकरी देने का आश्वासन दिया था। मुकेश ने 2009 तक कई चक्कर काटे, लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिल पायी। राज्य सरकार की ओर से भी कोई आर्थिक लाभ नहीं मिल पाया। मनपा ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए क्रीड़ा चौक से तुकड़ोजी पुतला चौक तक रास्ते को शहीद राजेश साहू मार्ग का नाम दिया। साेमवारी क्वार्टर में उनके नाम का प्रवेशद्वार बनाया गया। वहीं, शहीद राजेश साहू उद्यान बनाया गया है।
 

Created On :   26 July 2021 11:17 AM IST

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