तैरना सिखाने वालों की जिंदगी हालातों से डूबने लगी

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बस कट रही है जिंदगी तैरना सिखाने वालों की जिंदगी हालातों से डूबने लगी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कभी लोगों को तैरना सिखाने वाले अब खुद जिंदगी के स्विमिंग पूल में डूबने की कगार पर है। कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो साल से स्विमिंग पूल खुल नहीं पाए हैं। इन पर निर्भर लोगों का रोजगार प्रभावित होने से जीवन की गाड़ी खींचना मुश्किल हो गया है।  कोई खाना पहुंचाने का काम कर रहा है, तो कोई खेती करने अपने गांव चला गया है। शहर में मनपा और निजी सहित एक दर्जन से ज्यादा स्विमिंग पूल हैं, जो इन दिनों ठप पड़े हैं। इसे चलाने वालों से लेकर इसमें काम करने वालों पर बहुत बुरे दिन आ गए हैं।

जानकारी के अनुसार नागपुर शहर में करीब 15 स्विमिंग पूल हैं, जिसमें बड़ी संख्या में लोग आकर तैरना सीखते थे। तैरना सिखाने के लिए कई कोच काम करते थे। इसके भरोसे उनका परिवार चलता था, लेकिन कोरोना की दस्तक के बाद लॉकडाउन में स्विमिंग पूल बंद किया गया। कोरोना संक्रमण कम होने के बाद धीरे-धीरे सभी चीजें शुरू की गईं, लेकिन स्विमिंग पूल को खोलने की अनुमति नहीं दी गई है। इसके कारण इस पर निर्भर लोगों के बुरे दिन चल रहे हैं। खासकर लोगों को तैरना सिखाने वालों को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। स्विमिंग पूल बंद होने के कारण उनका कोई वजूद नहीं रहा। कई लोग परिवार का पालन-पोषण करने के लिए दूसरा काम कर रहे हैं। कोई पिज्जा की डिलीवरी करने वाली कंपनी में नौकरी करने के लिए मजबूर है, तो कोई अपने गांव जाकर किसानी कर रहा है। 

इस तरह कट रही जिंदगी : वर्षों से बच्चों व बड़ों को तैरने के गुर सिखाने वाले वैभव सापटे इन दिनों एक फूड डिलीवरी कंपनी में काम कर रहे हैं। इसी के सहारे उनका जीवन कट रहा है। पवन रहाटे भी बहुत अच्छे तैराक है, लेकिन इन दिनों उन्हें काम नहीं मिलने से वेल्डिंग शॉप पर काम करना पड़ रहा है। विपुल भगत भी कभी सुबह-शाम तैरना सिखाते थे, लेकिन अभी वह लोगों के घर खाना पहुंचाने का काम कर रहे हैं। इसके अलावा किसी ने अपना छोटी दुकान खोली है, तो कोई वापस गांव चला गया है।

सरकार की ओर से कोई मदद नहीं 
ब्रिटिशकाल में बना आग्यारामदेवी चौक स्थित राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज क्रीड़ा संकुल के स्विमिंग पूल को चलाने वाले एस. घाटे ने बताया कि दो साल से पूल बंद स्थिति में है, लेकिन सरकार ने मदद का हाथ नहीं बढ़ाया है। इस पर निर्भर रहने वालों का रोजगार छिन गया है। कब इसे खोला जाएगा, यह भी पता नहीं है। ऐसे में क्या करें, कैसे रहे यह समझ से परे हैं।

रखरखाव करना आवश्यक
वैशाली नगर स्थित मनपा के क्रीड़ा स्विमिंग पूल का जिम्मा विदोत्मा डेनियल ने लिया है। वह बताती है कि उनके यहां 25 लोगों का स्टाफ काम करता था। अच्छे तैराक कोच का काम करते थे, लेकिन स्विमिंग पूल दो साल से बंद होने के कारण उन्हें काम नहीं मिल रहा है। हमें भी पुल का रखरखाव नियमित करना पड़ रहा है। ‘आमदनी कुछ नहीं और खर्चा रुपैया’ वाली स्थिति है।
 

Created On :   2 Sept 2021 3:55 PM IST

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