मराठा आरक्षण मसले पर सोमवार से वर्चुअल माध्यम से ही होगी सुनवाई

The Maratha reservation issue will be heard through the virtual medium from Monday.
 मराठा आरक्षण मसले पर सोमवार से वर्चुअल माध्यम से ही होगी सुनवाई
 मराठा आरक्षण मसले पर सोमवार से वर्चुअल माध्यम से ही होगी सुनवाई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ सोमवार से मराठा आरक्षण मामले पर सुनवाई शुरु करेगी। पक्षकारों ने मामले पर प्रत्यक्ष सुनवाई की मांग की थी, लेकिन शीर्ष अदालत इसे वर्चुअल माध्यम से ही सुनेगी।

जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने बीते 5 फरवरी को हुई सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया था कि यदि कोर्ट रुम में सुनवाई शुरु होती है तो पक्षकार प्रत्यक्ष रुप से दलीलें दे सकते हैं। महाराष्ट्र सरकार की ओर से यह लगातार मांग की गई थी कि मामले की सुनवाई शारीरिक रुप से हो। राज्य सरकार के वकील ने दलील दी थी कि मामले से संबंधित कागजात काफी ज्यादा हैं ये 30-40 वाल्यूम में है, जिनको प्रिंट भी किया जाना होगा। सुनवाई के दौरान पीठ के संकेत से यह माना जा रहा था कि मराठा आरक्षण पर प्रत्यक्ष रुप से कोर्ट में सुनवाई होगी, लेकिन मामले पर सुनवाई से पहले अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही सुनवाई होगी। यह सुनवाई 8 से 18 मार्च तक चलेगी। 8 से 10 मार्च को मामले को चुनौती देने वाले पक्षकार अपनी दलील रखेंगे। जबकि 12 से 17 मार्च तक राज्य सरकार अपना पक्ष रखेगी और 18 मार्च को केन्द्र सरकार की ओर दलील रखी जायेगी।

11 जजों की पीठ को भेजे जाने की रखेंगे मांग

मराठा मामले में मुख्य हस्तक्षेपकर्ता राजेन्द्र दाते पाटील ने कहा कि यह मामला इंदिरा साहनी मामले से संबंधित है, जिस पर 11 जजों की संविधान पीठ ने फैसला सुनाया था। इसलिए सोमवार को मसले पर होने वाली सुनवाई के दौरान मराठा आरक्षण को भी 11 जजों की पीठ के समक्ष भेजने की मांग रखी जायेगी। उन्होंने कहा कि वे यह भी मांग रखेंगे कि मराठा एसईबीसी आरक्षण मसला गायत्री बनाम तमिलनाडु इस केस के साथ टैग करके बड़ी बेंच इस पर सुनवाई करें। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में भी 69 प्रतिशत आरक्षण लागू है और मराठा एसईबीसी आरक्षण के चलते राज्य में भी आरक्षण का प्रतिशत 65 तक बढ जायेगा। इसलिए प्रारंक्षिक मुद्दों को सबसे पहले सुना जाना चाहिए।  

प्रत्यक्ष सुनवाई के लिए याचिका दायर

देश की अदालतों में लॉकडाउन के बाद से वर्चुअल माध्यम से ही सुनवाई हो रही हैं। चूंकि कुछ दिनों से कोरोना का कहर कम होने के चलते वकीलों और पक्षकारों द्वारा भी कोर्ट रुम में सुनवाई की मांग की जा रही हैं। इस बीच देशभर की सभी अदालतों और अधिकरणों में मामलों की सुनवाई प्रत्यक्ष तरीके से बहाल करने की मांग को लेकर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिका में ऑनलाइन सुनवाई भी शुरु रखने का भी अनुरोध किया गया है। वकील एम एल शर्मा ने यह याचिका दायर की है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट पिछले वर्ष मार्च से मामले की ऑनलाइन सुनवाई कर रहा है।

Created On :   6 March 2021 2:28 PM GMT

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