सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग का मामला कोर्ट पहुंचा

The matter of hallmarking on gold jewelery reached the court
सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग का मामला कोर्ट पहुंचा
सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग का मामला कोर्ट पहुंचा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सोने के सभी छोटे-बड़े गहनों पर अनिवार्य रूप से हॉलमार्किंग के केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल व अन्य द्वारा दायर याचिका पर नागपुर खंडपीठ में सुनवाई हुई। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स ने शपथ-पत्र दायर करके कोर्ट को जानकारी दी कि हाल ही में केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने एक और निर्णय लिया है, जिसके अनुसार उन्होंने एक विशेष समिति गठित करके ज्वेलर्स और संबंधित पक्षों की दावे-आपत्ति पर सुनवाई करके सिफारिशें आमंत्रित की हैं। इसके तहत ज्वेलर्स का पक्ष सुनने के बाद ही नियम तैयार होंगे। इतना ही नहीं 1 जून 2021 से अनिवार्य की गई, हॉलमार्किंग काे स्थगित करके 16 जून किया गया है। इस संबंध में एक याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट की मुख्य खंडपीठ में भी विचाराधीन है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रोहन शाह ने यह भी दलील दी कि केंद्र के इस निर्णय के कारण ज्वेलर्स को राहत मिलने की उम्मीद है। ऐसे में बेहतर होगा कि सरकार के नए फैसले का इंतजार किया जाए और इस याचिका की सुनवाई दो सप्ताह स्थगित की जाए। कोर्ट ने यह विनती मान्य करते हुए मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद रखी है। 

यह है मामला 
दरअसल, केंद्र सरकार ने एक फैसले में देश में बिकने वाले सभी छोेटे-बड़े सोने के गहनों पर हॉलमार्क निशान अनिवार्य किया है। केंद्र सरकार का यह आदेश 1 जून 2021 से प्रभावी होना था, लेकिन ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध किया। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में मुद्दा उठाया है कि मौजूदा वक्त में करीब 6 हजार करोड़ सोने के जेवर हैं। इतनी बड़ी संख्या में हॉलमार्किंग करने के लिए देश में यंत्रणा ही नहीं है। याचिका में कोर्ट को बताया गया है कि केंद्र के इस फैसले के कारण करीब 5 लाख ज्वेलर्स प्रभावित हो रहे हैं, जबकि इनकी तुलना में हॉलमार्किंग केंद्र महज 34 % प्रतिशत है। करीब 488 जिले तो ऐसे हैं, जहां एक भी हॉलमार्किंग का केंद्र नहीं है। ऐसेे में पर्याप्त यंत्रणा के अभाव में यह आदेश लागू नहीं किया जा सकता। बगैर पूरी तैयारी के इस आदेश को लागू करने से ज्वेलर्स के व्यवसाय पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। मामला अब कोर्ट में विचाराधीन है। 
 

Created On :   15 Jun 2021 2:04 PM IST

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