जल संपदा प्राधिकरण के भू-जल प्रबंधन बोर्ड का मामला हाईकाेर्ट पहुंचा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर कर अधिकारियों पर राज्यपाल के अधिकारों को दरकिनार करने का आरोप लगाया गया है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि राज्य के प्रशासनिक अधिकारी स्वतंत्र फैसले ले रहे हैं। इस याचिका को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने मामले की अंतिम सुनवाई के लिए दायर कर लिया है। शहर के रामदासपेठ निवासी डॉ. प्रभात कुमार जैन ने हाईकार्ट में यह याचिका दायर की है।
दोबारा मंगाया गया आवेदन
डॉ. जैन के अनुसार जल संपदा प्राधिकरण के भू-जल प्रबंधन बोर्ड में उनका बतौर सदस्य चयन हुआ था। एक लंबी नियुक्ति प्रक्रिया के बाद राज्यपाल ने उनका चयन किया था। 8 अगस्त 2019 को प्रदेश के मुख्य सचिव को इस संबंध में पत्र भी जारी किया गया था। इसके कुछ ही दिन बाद प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ। इसके बाद राज्य जल संपदा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने एक सार्वजनिक सूचना जारी की, जिसके तहत उन्होंने संबंधित पद के लिए दोबारा आवेदन मंगाए, जबकि याचिकाकर्ता को पहले ही इस पद के लिए चुना जा चुका था। याचिकाकर्ता के वकील फिरदौस मिर्जा ने कोर्ट में दलील दी कि राज्यपाल को बोर्ड का सदस्य नियुक्त करने का स्वतंत्र अधिकार है। सरकार या प्रशासनिक अधिकारियों को इसे दरकिनार करके स्वतंत्र फैसले लेने का अधिकार नहीं है। मामले में याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर हाईकोर्ट ने नई नियुक्ति पर रोक लगा कर प्रकरण पर अंतिम सुनवाई करने का फैसला लिया है।
Created On :   19 Aug 2020 1:18 PM IST