हैण्डपम्प के बोर में डाली गई थी मोटर, विद्यालय की जल व्यवस्था डेढ़ साल ठप्प

The motor was put in the bore of the hand pump, the water system of the school stalled for one and a half years
हैण्डपम्प के बोर में डाली गई थी मोटर, विद्यालय की जल व्यवस्था डेढ़ साल ठप्प
जल जीवन मिशन कार्यक्रम  हैण्डपम्प के बोर में डाली गई थी मोटर, विद्यालय की जल व्यवस्था डेढ़ साल ठप्प

डिजिटल डेस्क बृजपुर नि.प्र.। शुद्ध पेयजल व्यवस्था के लिए नल से जल व्यवस्था के तहत जिले में जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत स्कूलो एवं आगंनबाडी केन्द्रों में बनाई गई योजनायें ज्यादतर संस्थाओं में ठप्प पडी हुई है। कई विद्यालयों में जल जीवन मिशन कार्यक्रम के तहत जल व्यवस्था के लिए विद्यालयों में लगे हैण्डपम्प के बोर को सोर्स के रूप में उपयोग किया गया है और जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत नल जल योजना की मोटर के नही चलने से पूर्व में हेैण्डपम्प से जो पानी की व्यवस्था थी वह भी ठप्प पड गई है। स्कूलों एवं आगंनबाडी केन्द्रों में जल जीवन मिशन कार्यक्रम स्थिति अंधेर नगरी चौपट राजा जैसी  कहावत की तरह लगातार सामने आ रही है।

 

पन्ना विकास खण्ड के जन शिक्षा केन्द्र रक्सेहा की अहिरगवां ग्राम पंचायत के आदिवासी बस्ती मजरा रामपुर क्वाटरन में लोक स्वास्थ्य यंात्रिकी विभाग द्वारा जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत नल से जल की व्यवस्था के लिए विद्यालय में स्थिति एक मात्र हैण्डपम्प के स्थान पर हैण्डपम्प के बोर में इलैक्ट्रिक मोटर डाल दी गई तथा स्कूल की छत में पानी की टंकी रखकर स्कूल के दरवाजे के बगल से ०४ नलो टोटियां लगाई गई तथा जल आपूर्ति व्यवस्था को टेस्टिंग कर चालू कर दिया गया किन्तु विद्यालय में नल से जल व्यवस्था के लिए हैण्डपम्प के बोर में जो मोटर डाली गई थी वह दो दिन तक ही चलने के बाद बंद हो गई और मोटर के नही चलने से विद्यालय के बच्चों के लिए जो पानी की व्यवस्था बनाई गई थी वह पिछले डेढ साल ठप्प पडी हुई है। विद्यालय में ४५ छात्र-छात्राये अध्यनरत है तथा ०३ शिक्षक भी पदस्थ है जिन्हे पानी की  समस्या का सामना करना पड रहा है। विद्यालय की प्रधान अध्यापक श्रीमती सत्या रावत ने बताया कि विद्यालय में पीएचई विभाग द्वारा नल से व्यवस्था के लिए जो हैण्डपम्प के बोर में जो मोटर डाली गई थी उससे दो दिन ही नही स्कूल के लिए पानी की व्यवस्था हुई और इसके बाद मोटर नही चल रही है। जिसकी जानकारी वरिष्ठ स्तर पर दी गई है उन्होने बताया कि पूर्व हैण्डपम्प में से जो पानी निकलता था उससे विद्यालय के बच्चों के लिए पानी की व्यवस्था हो जाती थी किन्तु उसी हैण्डपम्प को बंद कर इलैक्ट्रिक मोटर डाल दी गई जिससे हैण्डपम्प भी बंद हो गया है। 

 

आदिवासी बस्ती क्वाटरन में रहने वाली आबादी पनघट की डगर पर

ग्राम पंचायत अहिरगवां के मजरा आदिवासी बस्ती रामपुर क्वाटरन में पानी की समस्या का सामना न केवल बच्चों को बल्कि पूरे गांव को करना पड रहा है। रामपुर क्वाटरन में २०० से अधिक आदिवासी समाज के लोग रहते है। ग्रामीणों के लिए पेय जल व्यवस्था के लिए पीएचई  विभाग द्वारा मात्र एक  हैण्डपम्प स्थापित किया गया था उसी हैण्डपम्प की जगह ग्रामवासियों की व्यवस्था के लिए हैण्डपम्प के बोर में इलैक्ट्रिक मोटर डाल दी गई थी ताकि गांव के लोगों के लिए पानी की व्यवस्था  पूरी हो सके किन्तु बोर में डाली मोटर भी लंबे समय से बंद पडी हुई है ग्रामीण के स्कूल के हैण्ड पम्प का भी पूर्व में अपने पानी की व्यवस्था के उपयोग कर लेते थे वह भी बंद हो गया ऐसे में पूरा गांव और स्कूल के पानी की व्यवस्था के लिए गांव से लगभग आधा किलोमीटर दूर स्थित कुऐं पर निर्भर हो गया और ग्रामीणों को दिनभर अपनी पानी की व्यवस्था के लिए कुआं तक जाना पडता है कुयें की जगत भी सही नही है जिससे कोई भी घटना भी घटित हो सकती है। 
इनका कहना है  लगभग डेढ साल पहले जल जीवन मिशन कार्यक्रम से विद्यालय के लिए जो जल व्यवस्था की गई थी उसके लिए जो मोटर डाली गई थी वह दो दिन ही चली। जिस हैण्डपम्प का उपयोग होता था उसके स्थान पर मोटर डाल दी गई थी जिससे हैण्डपम्प भी बंद हो गया है स्कूल में पानी की समस्या की वजह से परेशानी हो रही है। गांव मेेंं कुऐं के अलावा पानी की दूसरी व्यवस्था नही है। 
श्रीमती सत्या रावत
प्रधान अध्यापक प्राथमिक शाला राजापुर क्वाटरन 
जन शिक्षा केन्द्र रक्सेहा

Created On :   29 Oct 2022 2:22 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story