सारस का प्राकृतिक निवास हो रहा खत्म, अदालत भी चिंतित

The natural habitat of the stork is ending, the court is also worried
सारस का प्राकृतिक निवास हो रहा खत्म, अदालत भी चिंतित
सारस का प्राकृतिक निवास हो रहा खत्म, अदालत भी चिंतित

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सारस पक्षियों के खत्म होते प्राकृतिक निवास की समस्या को गंभीरता से लेते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने सू-मोटो जनहित याचिका दायर कर ली है। हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर वfस्तृत याचिका तैयार करने और कोर्ट का सहयोग करने के लिए एड.राधिका बजाज को न्यायालयीन मित्र नियुक्त किया है। उन्हें दो सप्ताह में कोर्ट में विस्तृत याचिका दायर करने के निर्देश दिए गए हैं। 

पर्यावरण के लिए चिंता का विषय 
सोमवार को न्या.सुनील शुक्रे और न्या.अनिल किल्लोर की खंडपीठ ने कहा कि जिस तेजी से सारस पक्षी का प्राकृतिक निवास स्थान खत्म होता जा रहा है, यह हमारे पर्यावरण के लिए चिंता का विषय है। सारस जैसे विलक्षण पक्षी प्रजाति के संरक्षण के लिए कदम उठाने का समय आ गया है। इसी समस्या को देखते हुए यह जनहित याचिका दायर की जा रही है। 

प्रकाशित खबरों को बनाया आधार
उल्लेखनीय है कि विदर्भ के गोंदिया, भंडारा, चंद्रपुर और निकटवर्ती मध्यप्रदेश के बालाघाट में सारस पक्षियों का निवास स्थान है। क्षेत्र से बहने वाली बाघ और वैनगंगा नदी के आस-पास सारस पक्षियों का निवास है, लेकिन हाल के समय में इनकी संख्या तेजी से कम हो रही है। स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर के आधार पर हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर संज्ञान लिया है। इसके अनुसार, इस वर्ष जून में दर्ज की गई सारस संख्या के अनुसार गोंदिया में कुल 39, भंडारा में 2 और बालाघाट में 47 यानी कुल 88 सारस पक्षी पाए गए हैं। वर्ष 2020 की गणना में उक्त क्षेत्रों में कुल 104 सारस मिले थे, जिसमें से गोंदिया में 45, भंडारा में 1, चंद्रपुर में 2 और बालाघाट में 56 सारस पक्षी पाए गए थे। पक्षियों की कम होती संख्या पर अब हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। 

सारस से जुड़ी 10 खास बातें 
-इनकी आठ प्रजातियों में 4 भारत में ही पाई जाती है।
-इस पक्षी को क्रौंच के नाम से भी जाना जाता है।
- यह दुनिया का सबसे बड़ा उड़ने वाला पक्षी है।
-रामायण की पहली ही कविता सारस के नाम है।
-भारत में 8 से 10 हजार तक इनकी संख्या है।
-मादा सारस अपेक्षाकृत नर से थोड़ी छोटी होती है। 
-सारस शाकाहारी होता है, अनाज व बीज खाता है। 
-सारस पक्षी अक्सर जोड़ा बनाकर ही रहते हैं।
-सारस पक्षी को प्रेम का प्रतीक माना जाता है। 
-यह सारस पक्षी करीब 40 हजार फीट ऊंचाई तक की उड़ान भर सकता है।
 

Created On :   6 July 2021 11:17 AM IST

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