उपराजधानी में 3 साल में एक लाख से ज्यादा बढ़ी वाहनों की संख्या

The number of vehicles in the city is increasing rapidly, lack of workers in RTO
 उपराजधानी में 3 साल में एक लाख से ज्यादा बढ़ी वाहनों की संख्या
 उपराजधानी में 3 साल में एक लाख से ज्यादा बढ़ी वाहनों की संख्या

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में तेजी से वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है। यह हम नहीं आंकड़े कह रहे हैं। गत 3 सालों में 1 लाख से ज्यादा वाहनों की संख्या बढ़ी है। हालांकि इनकी जिम्मेदारी संभालने वाले आरटीओ विभाग में लगातार कर्मचारी की कमी देखी जा रही है। सभी विभाग में कर्मचारियों की खाली जगह कई वर्षों से भरी नहीं गई है। ऐसे में वाहनधारकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शहर की सड़कों पर सुरक्षित तरीके से वाहनों का आवागमन होता रहे। इसलिए कुछ नियमों को बनाया गया है। नियमों का जतन वाहनधारकों द्वारा करने के उद्देश्य  से प्रादेशिक परिवहन अधिकारी कार्यालय का निर्माण किया है। जहां से वाहनों के लाइसेंस से लेकर दस्तावेज आदि बनाये जाते हैं। नागपुर शहर में दो प्रादेशिक परिवहन अधिकारी ( आरटीओ) कार्यालय है। जिसमें शहर व पूर्व आरटीओ कार्यालय शामिल है। इन कार्यालयों में रोजाना बड़ी संख्या में वाहनधारकों का आवागमन होता रहता है। ऐसे में यहां पर्याप्त संख्या में कर्मचारी होना अपेक्षित है। लेकिन गत 5 वर्षों की बात करें तो आरटीओ कार्यालय कर्मचारियों की कमी से जूझता दिख रहा है। इसके विपरित यदि वाहनों की बात करें तो शहर व पूर्व दोनों आरटीओ में तेजी से वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिससे शहर के सड़कों पर बढ़ते वाहन नियमों की धज्जियां भी उड़ा रहे हैं। बावजूद इसके कर्मचारियों की कमी का दुखड़ा सुनाते हुए आरटीओ कार्यालय की ओर से ठीक से कार्रवाई नहीं हो पा रही है। गत तीन सालों की बात करें तो नागपुर शहर में 1 लाख 35 हजार वाहन तो बढ़ गये हैं। लेकिन इन पर लगाम कस रखनेवाले आरटीओ कर्मचारी लगातार कम होते जा रहे हैं।

ऐसी बढ़ रही वाहनों की संख्या
वर्ष 2016 की बात करें तो नागपुर शहर के शहर आरटीओ के जिम्मे 12 लाख 81 हजार 921 वाहन थे। वही पूर्व आरटीओ में 1 लाख 93 हजार 2 सौ 97 वाहन थे। वर्ष 2017 में इनकी संख्या बढ़ते हुए शहर आरटीओ में वाहनों का आंकड़ा 12 लाख 89 हजार 7 सौ 79 पर आया वहीं पूर्व आरटीओ में 2 लाख 36 हजार वाहनों की संख्या देखने मिली। वर्तमान स्थिति में यानी वर्ष 2018 में वर्ष 2016 की तुलना दोनों कार्यालय का मिलकर 1 लाख 35 हजार वाहनों की संख्या बढ़ी है। यानी अभी शहर आरटीओ की सीमा में 13 लाख 8 हजार 5 सौ 98 वाहनों का जिम्मा है। वहीं पूर्व आरटीओ में 3 लाख 19 हजार वाहनों की संख्या बढ़ी है।

 इस तरह कमी है संभालनेवालों की
आरटीओ कार्यालय में इंन्पेक्टर व असीस्टंट इन्पेक्टर की उपस्थिति बहुंत ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। क्योंकि गश्त लगाकर कार्रवाई करने से लेकर दस्तावेज की जांच-पड़ताल व टीम के साथ काम करने में इनकी मुख्य भूमिका होती है। लेकिन वर्तमान स्थिति में शहर आरटीओ में 18 इन्पेक्टर के मंजूर पद पर केवल 9 ही है। वहीं असिस्टंट इन्पेक्टर के मंजूर 26 पद पर केवल 4 पर कर्मचारी हैं। इसमें भी एक पोस्ट गोंदिया के लिए भेजी गई है। शहर की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए फ्लाइंग स्कॉड तो बना है। लेकिन 2 फ्लाइंग स्कॉड में 3 ही कर्मचारी है। जिनके पीछे भी दूसरे काम लगाये जाते हैं।

नहीं मिल पा रहे हैं कर्मचारी
हमारी ओर से वैकन्ट पदों को लेकर लगातार मांग कर रहे हैं। बैठक में भी इसके बारे में बताया जा रहा है। लेकिन वर्षों से कर्मचारी नहीं मिल रहे हैं। -(ए.आदे, उपप्रादेशिक परिवहण अधिकारी, शहर आरटीओ नागपुर)

Created On :   1 Dec 2018 4:23 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story