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इलाज में लापरवाही से वृद्धा की मौत, मृतका के बेटों ने निजी अस्पताल और डॉक्टर पर लगाए आरोप

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। शहर के एक निजी अस्पताल प्रबंधन, डॉक्टर और अप्रशिक्षित टेक्निशियन की लापरवाही से बुजुर्ग महिला की मौत का मामला सामने आया है। मृतका बेटों का आरोप है कि इलाज में बरती गई लापरवाही से मां की मौत हुई है। पीडि़त बेटों ने कलेक्टर, एसपी और सीएमएचओ से लिखित शिकायत में मांग की है कि मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए। ताकि भविष्य में गलत इलाज की वजह से किसी अन्य पेशेंट की मौत न हो।
मोहननगर निवासी दिलजीत, दीपक और दिलीप गंगवानी ने प्रेसवार्ता में बताया उनकी माताजी ८० वर्षीय शांति गंगवानी का ५ नवम्बर को स्वास्थ्य खराब हुआ था। इलाज के लिए मां को आनंद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां डॉक्टर ने एबीजी समेत अन्य जांच लिखी थी। अस्पताल के पैथालॉजी लैब के अप्रशिक्षित टेक्निशियन ने पहले हाथ से ब्लड सैंपल लेने का प्रयास किया और जब सैंपल नहीं ले पाया तब उसने पैर से ब्लड सैंपल लिया था। टेक्निशियन ने पैर में जिस स्थान से ब्लड सैंपल लिया गया था। उस स्थान से शरीर मेंं सूजन आना शुरू हुई। इसके बाद से मां का स्वास्थ्य लगातार खराब होता गया और १२ नवम्बर को घर पर उनकी मृत्यु हो गई। दिलजीत ने बताया कि उन्होंने नागपुर के डॉ.दीपक जेसवानी और मुम्बई के डॉ.वाघ से मां को दिए गए इलाज और टेस्ट के संबंध में चर्चा की, विशेषज्ञ चिकित्सकों ने बताया कि एबीजी टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल लेने प्रशिक्षित टेक्निशियन होना चाहिए। लापरवाही से लिए गए ब्लड सैंपल से शरीर में ब्लड फैल गया था। जिसकी वजह से उनकी मां की मौत हो गई।
सभी आरोप निराधार- प्रबंधक
बुजुर्ग महिला का ब्लड सैंपल टेक्निशियन नहीं, बल्कि डॉक्टर द्वारा लिया गया था। प्राथमिक इलाज के बाद पेशेंट को परिजन घर ले गए थे। शरीर में सूजन या अन्य किसी समस्या का इलाज कराने पेशेंट को दोबारा अस्पताल नहीं लाया गया। अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर पर लगाए जा रहे सभी आरोप निराधार है।
रत्नेश रघुवंशी, प्रबंधक, आनंद अस्पताल
Created On :   28 Nov 2022 10:45 PM IST