एम्स की जांच की रफ्तार धीमी, वेटिंग लगातार बढ़ रही

The pace of investigation of AIIMS slowed waiting continuously increased
एम्स की जांच की रफ्तार धीमी, वेटिंग लगातार बढ़ रही
एम्स की जांच की रफ्तार धीमी, वेटिंग लगातार बढ़ रही

डिजिटल डेस्क,  नागपुर। कोरोना संकट में भी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से जरुरत के हिसाब से मदद नहीं मिल पा रही है। एम्स को मिहान में खुले अभी कुछ ही समय हुआ है उसके बाद भी वहां न तो कोरोना की चौबीस घंटे जांच हो पा रही है और न ही संस्थान वर्तमान जरुरतों को पूरा कर पा रहा है यही वजह है कि नागपुर में कोरोना की जांच के लिए वेटिंग बनी हुई है।

जानकारी के अनुसार एम्स में पिछले दिनों से ही कोरोना की जांच करना आरंभ हुई है। एम्स में नई मशीन होने के बाद भी कोरोना की जांच 24 घंटे नहीं की जा रही है। जबकि कोरोना पॉजिटिव की संख्या लगातार बढ़ने की वजह से 24 घंटे ही नहीं बल्कि दाे लैब के अतिरिक्त लैब की आवश्यकता है जिसको ध्यान में रखकर शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेडिकल) में भी लैब को आरंभ करने की तैयारियां जोरों पर चल रही है। इन सबके बाद भी एम्स में जरुरत को ध्यान में ना रखकर अपनी सुविधा के हिसाब से जांचें की जा रही है। विशेष बात यह है कि इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेयो) ना सिर्फ एम्स से कई साल पुराना है जबकि वहां की मशीनें भी पुरानी है इसके बाद भी वहां जरुरत को समझकर मशीन को 24 घंटे चलाया जा रहा है और स्टॉफ भी 24 घंटे की ड्यूटी कर रहा है।

400 तक पहुंच गई थी जांचों की पेंडिंग
एकमात्र मेयो में जांच होने की वजह से 400 तक पेंडिंग पहुंच गई थी। पेडिंग की वजह से ही मरने वाले कोरोना पॉजिटिव के परिजनों की जांच में देरी हुई लेकिन इन सबके बाद भी एम्स का ध्यान इस तरफ नहीं जा रहा है।

एम्स में जांच के आंकड़े
6 अप्रैल को 53
7 अप्रैल को 79
8 अप्रैल को 53
9 अप्रैल को 69
बता दें कि ये आंकड़े एम्स के है, जबकि मेयो में इतनी जांच तो खराब होने पर छोटी मशीन से की जाती थी और बड़ी मशीन से हर दिन 100 से अधिक जांचें होती हैं।

Created On :   10 April 2020 1:18 PM GMT

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