वकील की गलती से कमजोर पड़ा पक्ष, कोर्ट पीड़ित महिला को दी राहत

The party was weakened by the mistake of the lawyer, the court gave relief to the victim woman
वकील की गलती से कमजोर पड़ा पक्ष, कोर्ट पीड़ित महिला को दी राहत
वकील की गलती से कमजोर पड़ा पक्ष, कोर्ट पीड़ित महिला को दी राहत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने नागपुर सत्र न्यायालय के उस आदेश को खारिज कर दिया था, जिसमें सत्र न्यायालय ने पत्नी को मेंटेेनेंस का हकदार नहीं माना था। दरअसल हाईकोर्ट को सुनवाई के दौरान यह पता चला कि निचली अदालत में पीड़ित पत्नी का वकील नियमित तौर से हाजिर नहीं हो सका था, जिसके कारण उसका केस कमजोर पड़ गया। हाईकोर्ट ने माना कि किसी वकील की गलती के कारण उसके पक्षकार को सजा मिलना ठीक नहीं है। इस मामले में पत्नी और बच्चों को मेंटेंनेंस से सिर्फ इसलिए वंचित नहीं रहना चाहिए, क्योंकि उनका वकील सुनवाई में नियमित रूप से नहीं आ सका। इस निरीक्षण के साथ हाईकोर्ट ने सत्र न्यायालय को इस मामले में दोबारा सुनवाई करने के आदेश दिए हैं। 

मेंटेनेंस को दी थी चुनौती
 मामले से संबंधित दंपति का विवाह वर्ष 2005 में हुआ था। मौजूदा वक्त में उनकी एक 19 वर्षीय बेटी और एक 16 वर्षीय बेटा है। उनके विवाह में दरार आ गई और वर्ष 2012 में पत्नी ने पति के खिलाफ जेएमएफसी कोर्ट में घरेलू हिंसा के तहत शिकायत कर दी। पत्नी ने पति से मेंटेंनेंस की मांग की। जेएमएफसी कोर्ट ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद पति को आदेश दिए कि वे 10 हमार रुपए प्रतिमाह मेंटेंनेंस और 5 हजार रुपए किराए के स्वरूप में पत्नी को अदा करें। पति ने जेएमएफसी कोर्ट के इस फैसले को सत्र न्यायालय में चुनौती दी। सत्र न्यायालय में चली सुनवाई में पत्नी का वकील नियमित तौर पर उपस्थित नहीं हुआ। ऐसे में उसका केस कमजोर पड़ गया। सत्र न्यायालय ने पति के पक्ष में फैसला देकर जेएमएफसी कोर्ट के मेंटेंनेंस के आदेश को खारिज कर दिया, जिसके बाद पत्नी ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। 

Created On :   15 Feb 2021 8:26 AM GMT

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