- Home
- /
- हाथ में सलाइन थामे इलाज करवा रहे...
हाथ में सलाइन थामे इलाज करवा रहे मरीज, परिजनों को झेलनी पड़ रही परेशानी

डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद। शहर-परिसर उस समय बुरी तरह से सहम गया, जब शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, घाटी में इलाज कराने के लिए पहुंचने वाले मरीजों के परिजन हाथ में सलाइन थामे दिखाई दिए। प्रशासन की मरीजों को लेकर लापरवाही की तब और हद हुई जब डाॅक्टरों ने मरीज की सलाइन उसके परिजन के हाथ में देकर सर्जरी इमारत के प्रवेशद्वार पर ही बिठा दिया।
सूत्रों ने बताया कि घाटी अस्पताल के वार्ड नंबर 15 में गुरुवार को इलाज के लिए भरती हुए मरीज को सलाइन चढ़ाई जानी थी, लेकिन मरीजों की संख्या अधिक होने से वहां कोई स्टैंड ही उपलब्ध नहीं था। इसलिए डॉक्टरों ने मरीज के रिश्तेदार को ही सलाइन को हाथ में थामकर खड़े होने के लिए कहकर अपने कर्तव्य से इतिश्री कर ली। यही तस्वीर सर्जरी इमारत के प्रवेश द्वार पर भी देखने को मिली, जहां मरीज को जगह व स्टैंड की कमी का रोना रोते हुए उसके रिश्तेदार से कहा गया कि सलाइन थामने का जिम्मा खुद निभाओ।
वैसे घाटी की सुविधाओं का बखान संभव नहीं है क्योंकि यहां मरीजों को एक विभाग से दूसरे विभाग में जाते समय स्वयं हाथ में ही सलाइन ले जानी पड़ती है। गौरतलब है कि हाल ही में एक व्यक्ति दुर्घटना विभाग की सीढ़ियों पर ही बेहोश होकर गिर पड़ा। उसके पैर को चींटियां चिपट गईं। इस विषय में कुछ लोगों ने दुर्घटना विभाग के डॉक्टरों को सूचित किया, लेकिन कोई भी उसके पास नहीं पहुंचा। आखिरकार मौके पर ही उसने दम तोड़ दिया था। अगर डॉक्टरों ने समय पर उसका इलाज किया होता तो उसकी जान बच जाती।
मामला गंभीर नहीं, निजी अस्पतालों में भी यह नौबत आती है
यह मामला गंभीर नहीं है क्योंकि पिछले साल भी ऐसी ही घटना सामने आने के बाद हमने सभी वार्डों में मानव संसाधन बढ़ा दिया था। कभी मरीज की सलाइन खत्म होने पर एक मिनट के लिए दूसरी सलाइन लगाने तक यह स्थिति सामने आई होगी। हम कभी निजी अस्पताल में जाते हैं तो वहां भी ऐसा करना ही पड़ता है। कभी आप मरीज को एंबुलेस में लेकर जाते हैं, तो उसकी ऐसे ही हाथ में सलाइन लेकर मदद करनी पड़ती है। - डॉ कैलाश झिने, डिप्टी डीन घाटी
Created On :   19 March 2021 3:01 PM IST