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अठारह साल बाद फिर शुरू हुई 53 कॉलेजों को अनुदान देने की प्रक्रिया

डिजिटल डेस्क, नागपुर। प्रदेश में वर्ष 2001 के पहले से मान्यता प्राप्त 53 कॉलेजों के अनुदान के प्रस्ताव को लेकर फिर से कवायद शुरू हो गई है । बता दें कि यह प्रस्ताव 18 साल से ठंडे बस्ते में था। राज्य शिक्षामंत्री विनोद तावडे के निर्देश पर कॉलेजों के शिक्षक और गैर-शिक्षक कर्मचारियों की जानकारी जुटाने के लिए रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
राज्य सरकार ने नहीं उठाए अब तक कोई कदम
इसमें कॉलेजों में उपलब्ध सुविधाओं से लेकर, नियुक्ति वाले और खाली पदों की संख्या, रोस्टर मंजूरी, एडमिशन लेने वाले और वास्तव में उपस्थित विद्यार्थी संख्या, परीक्षा रिजल्ट, नैक मूल्यांकन, शासन व विवि के नियमों के मुताबिक काम-काज, पदभर्ती, प्रैक्टिकल लैब जैसी सुविधाओं का निरीक्षण भी किया गया है। बता दें कि, राज्य में कॉलेजों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। इन्हें अनुदानित, बिना अनुदानित, कायम बिनाअनुदानित की श्रेणी में रखा गया है। 24 नवंबर 2001 के पहले मान्यता प्राप्त कायम बिनाअनुदानित कॉलेजों को 100 प्रतिशत अनुदान मिले, इसके लिए लंबे समय से सरकार से मांग की जा रही है, लेकिन राज्य सरकार ने इस दिशा में तब से कोई कदम नहीं उठाया।
टीम ने अब जाकर सौंपी रिपोर्ट
कॉलेजों की इस मांग पर शासन स्तर पर अनेक बार चर्चाएं और बैठकें हुईं, रिपोर्ट मंगाई गई, लेकिन स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही। सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए अनेक बार तीव्र आंदोलन किए गए, लेकिन अब तक राज्य सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। बीते दिनों राज्य शिक्षा मंत्री विनोद तावडे ने उच्च शिक्षा संचालक को कॉलेजों के शिक्षक और गैर-शिक्षक कर्मचारियों की विस्तृत जानकारी जमा कर रिपोर्ट 25 सितंबर 2018 के पूर्व प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे, जिसके बाद संचालक ने सह संचालक कोे 53 कॉलेजों का चयन करके उनकी जानकारी मांगी थी। उच्च शिक्षा सहसंालक ने विशेष टीम नियुक्त करके यह निरीक्षण किया और अपनी रिपोर्ट शिक्षा संचालक को सौंप दी है। संचालक कार्यालय ने इसमें कुछ त्रुटियां निकाल कर फिर से सुधारित रिपोर्ट मांगी है। ऐसे में आने वाले समय में कॉलेजों की अनुदान की मांग पूरी हो सकती है।
Created On :   10 Nov 2018 5:35 PM IST