जोखिम भरी है हाईवे की डगर, सिल्लेवानी घाटी धंस रही, दो साल से टंगा है पेंच नदी पर बना झिलमिली पुल

जोखिम भरी है हाईवे की डगर, सिल्लेवानी घाटी धंस रही, दो साल से टंगा है पेंच नदी पर बना झिलमिली पुल
छिंदवाड़ा जोखिम भरी है हाईवे की डगर, सिल्लेवानी घाटी धंस रही, दो साल से टंगा है पेंच नदी पर बना झिलमिली पुल

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। जिले में नेशनल हाइवे 547 और 347 के बुरे हाल हैं। सड़कों का दम पहले ही फूला हुआ है। जबकि सिल्लेवानी घाटी में हो रहे भू-स्खलन और करीब दो साल पहले एप्रोच कटने के साथ टंगने की स्थिति में आए पेंच नदी के झिलमिली पुल की हालत और बिगड़ते जा रही है। यहां  सफर बेहद जोखिम भरा हो गया है। जानकारों के मुताबिक दोनों जगह मरम्मत कार्य जल्द नहीं कराया गया तो भविष्य में बड़ी दुर्घटना को टाला नहीं जा सकेगा। हालांकि एनएचएआई दोनों जगह जल्द कार्य शुरू करने का दावा कर रही है। पेंच पुल में कटाव रोकने फिलहाल रिटर्निंग वॉल खड़ी की जा रही है। वहीं सिल्लेवानी घाटी में काम शुरू करने बारिश के थमने का इंतजार किया जा रहा है।


सिल्लेवानी घाटी... लैंड स्लाइडिंग से धंसी 50 मीटर सड़क

                                                                    
 
नागपुर मार्ग पर छिंदवाड़ा से 35 वें किमी पर सिल्लेवानी घाटी में भू-स्खलन से सड़क के करीब 50 मीटर के हिस्से में साइड सोल्डर पूरी तरह से धंस गया है। जबकि कुछ हिस्से में डामर की सड़क भी धंसकर खाई में समा गई गई है। वर्ष 2020 में यहां भू-स्खलन से हाइवे का करीब डेढ़ सौ मीटर का हिस्सा धंस गया था। लैंड स्लाइडिंग से सड़क किनारे लगे लोहे के साइड गार्ड और संकेतक धंसकर खाई में समा गए थे। इसके बाद एनएचएआई ने घाटी में नीचे पत्थर की पिचिंग यानी बोल्डर टो वॉल खड़ी कर जीआई तार के जाल के सहारे पत्थर की मोटी वॉल खड़ी गई थी। वर्ष 2021 में उक्त कार्य पूरा हो पाया था। जबकि इस बारिश में फिर से घाटी और सड़क दोनों के दरकने की स्थिति बनने लगी है।


40 फीसदी तक नीचे खिसका पत्थर की वॉल:
छिंदवाड़ा से करीब 35 वें किलोमीटर पर सिल्लेवानी घाट में लैंड स्लाइडिंग से सड़क किनारे घाटी में खड़ी की गई पत्थर की वॉल 30 से 40 फीसदी तक नीचे खिसक गई है। कहा जा रहा है कि पत्थर की वॉल के बीच से पानी का रिसाव होने की वजह से ऐसी स्थिति बनी है।

झिलमिली पुल... दोनों छोर से एप्रोच बही, स्लैब हवा मे

                                                                        
नेशनल हाइवे 347 पर सिवनी रोड पर पेंच नदी का झिलमिली पुल के दोनों छोर की एप्रोच वर्ष 2020 में अगस्त में हुई अतिवृष्टि बहा ले गई थी। अतिवृष्टि के चलते हाईलेवल ब्रिज के ऊपर से पानी बहा था। एप्रोच कटने के बाद मिट्टी डालकर काम चलाया जा रहा था। इस वर्ष फिर अधिक बारिश और बांध से छोड़े जाने वाले पानी की वजह से एप्रोच में डाली गई मिट्टी बह गई है। जिससे पुल के दोनों ओर पुल से निकला एप्रोच स्लैब टंग गया है। जबकि नीचे से मिट्टी बह गई है। जानकारों के मुताबिक उक्त स्थिति आवागमन जारी रहने पर कभी भी खतरनाक हो सकती है। हालांकि कटाव को रोकने एनएचएआई दोनों छोर पर रिटर्निंग वाल का निर्माण करा रही है।  
 

सैकड़ों वाहन गुजरते हैं हर दिन:
छिंदवाड़ा-नागपुर मार्ग और सिवनी मार्ग सबसे व्यस्त कहलाता है। हेवी वाहनों के अलावा यहां से यात्री वाहन व छोटे चौपहिया वाहन सैकड़ों की संख्या में हर दिन यहां से गुजरते हैं। ऐसे में सिल्लेवानी घाटी को दुरूस्त नहीं किया गया और पुल की एप्रोच नहीं बनाई गई तो बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
 

नरसिंहपुर रोड... नई सड़क भी गड्ढों में तब्दील हो गई:

                                                                      
एनएचएआई करोड़ों खर्च कर सड़कों का सुदृढ़ीकरण करा रही है। तीन फेज में एनएच 547 और 347 की चारों सड़कों के अलावा रिंग रोड का भी नए सिरे से डामरीकरण किया जा रहा है। सबसे बुरी स्थिति नरसिंहपुर रोड की है। यहां नई बनाई गई सड़क भी बारिश में नहीं टिक सकी है। सड़क पूरी तरह से गड्ढों में तब्दील हो गई है। जिससे यहां से गुजरना जोखिम भरा हो गया है। रिंग रोड और नागपुर रोड में भी जहां नए सिरे से डामरीकरण हुआ है वहां भी सड़कें उधड़ गई हैं।
 

इनका कहना है...
सिल्लेवानी घाटी पर पानी के रिसाव के चलते मिट्टी खिसल रही है। जिससे पहाड़ी को काटकर सड़क को खिसकाया जाएगा। करीब सात मीटर तक पहाड़ी काटी जाएगी। पेंच नदी पुल की एप्रोच भी बनाई जानी है। बारिश की वजह से काम शुरू नहीं कर पा रहे हैं। दोनों जगह कार्य के दौरान ट्रेफिक चालू रखा जाएगा।
- आरआर दाढ़े, डीजीएम, एनएचएआई, यूनिट छिंदवाड़ा

 

Created On :   16 Sep 2022 5:28 PM GMT

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